
नैनीताल । नैनीताल में ग्रीष्मकालीन सीजन में सैलानियों की भारी कमी से स्थानीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पार्किंग शुल्क में वृद्धि, हालिया सामुदायिक तनाव, भारत-पाक सीमा पर तनाव और मौसम की बेरुखी ने दिल्ली, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटकों को नैनीताल से विमुख कर दिया है। फलस्वरूप यहाँ प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर की कमी का अनुमान लगाया जा रहा है।
प्रशासन के शोर से बिगड़े हालात
नैनीताल। नगर में इस वर्ष पर्यटन को हुए नुकसान का आंकलन करें तो इसकी शुरुआत प्रशासन द्वारा पाबंदियों के शोर मचाने से हुई कि वाहनों को कहां-कहां रोका जाएगा। अभी भी हर सप्ताह पर्यटकों की संख्या लगभग शून्य होने के बावजूद नैनीताल पुलिस हर सप्ताह वाहनों को रोकने की नयी यातायात योजना जारी कर रही है, जबकि इस पर अमल करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। इसके अलावा 2007 के बाद पंजीकृत टीबी सिरीज के टैक्सी वाहनों को नैनीताल में प्रवेश करने से रोकने के हो हल्ले ने भी नैनीताल के पर्यटन को प्रभावित किया।
वहीं इसके बाद नगर में एक-दो बने साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति से पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ, लेकिन दो दिन बाद साम्प्रदायिक स्थितियां सामान्य होने के बाद किसी भी ओर से पर्यटन को पटरी पर लाने के लिये नगर के बारे में प्रचार-प्रसार के कोई प्रयास नहीं किये गये। यही स्थिति भारत-पाक संघर्ष के स्थगित होने के बाद भी रही। जबकि अब मौसम की बेरुखी को भी नगर में पर्यटन के प्रभावित होने का एक कारण माना जा रहा है।
होटल और बाजारों में सन्नाटा
नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि पिछले वर्ष मई में 90 प्रतिशत होटल बुक थे, परंतु इस बार यह आंकड़ा 10-15 प्रतिशत तक सिमट गया। 90 प्रतिशत बुकिंग रद्द होने से होटल, रेस्तरां और दुकानदार कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ हैं। माल रोड और नैनी झील, जो पर्यटकों से गुलजार रहते थे, अब खामोश हैं। व्यापार मण्डल अध्यक्ष मारुति नंदन साह के अनुसार प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर की कमी का अनुमान है। नाविक खड़क सिंह ने कहा कि नैनी झील में नावें खाली खड़ी हैं, जबकि सामान्यतः इस मौसम में पर्यटकों की कतार लगती थी। सूखाताल टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक मटियाली ने बताया कि 300 से अधिक टैक्सियों को प्रतिदिन एक-दो बुकिंग ही मिल रही हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत कम है। फड़-खोखा कारोबार में भी 70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
पर्यटन स्थलों पर भीड़ गायब
नैनीताल चिड़ियाघर में पर्यटकों की संख्या 50 प्रतिशत, बॉटेनिकल गार्डन में 17 प्रतिशत और बुडलैंड वॉटरफॉल सरिताताल में 30 प्रतिशत कम हुई है। होटल रेस्टोरेंट के महासचिव वेद साह के अनुसार कोविड के बाद पहली बार अप्रैल-मई में इतनी कम भीड़ देख रहे हैं।
उम्मीद और समाधान की मांग
कुछ व्यवसायियों को हालात सामान्य होने पर पर्यटकों की वापसी की उम्मीद है। होटल एसोसिएशन ने सरकार से राहत पैकेज और सुरक्षा आश्वासन की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश रावत ने सुझाव दिया कि शुल्क में कमी और प्रचार अभियान से पर्यटकों का विश्वास बहाल हो सकता है।
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