झुंझुनू। जिले में वर्ष 2018 में पकड़े गए भारी मात्रा में डोडा पोस्त तस्करी के मामले में जिला जज दीपा गुर्जर ने आज निर्णय सुनाते हुए दो दोषियों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं पांच लोगों को बरी कर दिया। जिला अदालत ने डबवाली सिरसा (हरियाणा) के निवासी जसवन्त सिंह और सुरेन्द्र सिंह को तस्करी का दोषी मानते हुए 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में दोनों को चार-चार वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
यह मामला 25 मई 2018 का है जब कोतवाली थाना झुंझुनू के तत्कालीन थानाधिकारी गोपाल सिंह ढाका को एटीएस यूनिट कोटा से सूचना मिली थी कि झुंझुनू के रोड नंबर तीन स्थित पशु चिकित्सालय के सामने एक ट्रक संदिग्ध अवस्था में खड़ा है। जिसमें भारी मात्रा में डोडा पोस्त भरा हुआ है। सूचना पर थानाधिकारी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ट्रक चालक सीट पर जसवंत सिंह और परिचालक सीट पर सुरेन्द्र सिंह बैठे मिले। पूछताछ में ट्रक में चैकर और डोडा पोस्त के कट्टे भरे होने की जानकारी मिली। तलाशी में ट्रक से कुल 31 प्लास्टिक के कट्टे बरामद किए गए जिनमें प्रत्येक में लगभग 21-21 किलोग्राम डोडा पोस्त पाया गया। इस प्रकार कुल 651 किलोग्राम डोडा पोस्त के टुकड़े बरामद किए गए। इसके बाद दोनों आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर ट्रक और मादक पदार्थ को जब्त किया गया।
पुलिस ने जांच के बाद जसवंत सिंह, सुरेन्द्र सिंह सहित कुल आठ व्यक्तियों के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने दलील दी थी कि इतनी भारी मात्रा में नशे के लिए उपयोग किए जाने वाले डोडा पोस्त की तस्करी समाज पर गंभीर प्रभाव डालती है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। साक्ष्यों का गहराई से परीक्षण करने के बाद अदालत ने जसवंत सिंह और सुरेन्द्र सिंह को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई। वहीं अन्य पांच आरोपियों शिवराज, राधेश्याम, नारायण, अशोक कुमार उर्फ बंटी और बलराज सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। मामले में एक अन्य आरोपी औंकारमल की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई जिससे उसके विरुद्ध कार्रवाई समाप्त कर दी गई।
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