राज्य की शिक्षा व्यवस्था की रैंकिंग में चूरू जिले ने लगातार तीसरी बार शीर्ष स्थान बनाए रखा है। अगस्त माह की नवीनतम रैंकिंग के अनुसार, चूरू ने जहां अगस्त से 1 अंक की गिरावट दर्ज की है, वहीं यह जिले की लगातार उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन की कहानी को जारी रखता है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रैंकिंग में गिरावट का कारण कुछ नए मानक और डेटा के समावेश को माना जा रहा है। इसके बावजूद चूरू ने अन्य जिलों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान बनाए रखा है। विभाग के अनुसार, शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात, पढ़ाई का स्तर और बुनियादी अवसंरचना जैसी कई सूचकांकों के आधार पर यह रैंकिंग तैयार की जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चूरू का लगातार शीर्ष स्थान बनाए रखना जिले में शिक्षा के प्रति दी गई प्राथमिकता और प्रशासन की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम की गुणवत्ता, डिजिटल शिक्षा और छात्र कल्याण योजनाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा, "हालांकि अगस्त से 1 अंक की गिरावट आई है, लेकिन यह हमारे लिए सीखने और सुधार करने का अवसर है। हम आगामी महीनों में और अधिक प्रयास करेंगे ताकि शिक्षा के सभी पहलुओं में और सुधार हो सके।"
जिले के स्कूलों और शिक्षकों ने भी इस उपलब्धि का जश्न मनाया। कई स्कूलों ने छात्रों और शिक्षकों के योगदान को सराहा और उन्हें प्रशस्ति पत्र वितरित किए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रैंकिंग केवल जिले की उपलब्धियों का ही नहीं बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार और समुदाय की भागीदारी का प्रतीक है।
विश्लेषकों का मानना है कि चूरू की यह लगातार सफलता अन्य जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत भी है। इससे पता चलता है कि समर्पित प्रयास, योजनाबद्ध रणनीति और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से शिक्षा में सुधार और उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।
आगामी महीनों में शिक्षा विभाग ने जिले के स्कूलों की निगरानी और मूल्यांकन प्रक्रिया को और मजबूत करने की योजना बनाई है। इसके तहत पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियों और छात्र प्रदर्शन के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।
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