राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे महेश जोशी को ज़मानत नहीं मिल रही है। हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद महेश जोशी ने ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। महेश जोशी पिछले 5 महीने से जेल में हैं। उन्हें जल-जीवन मिशन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ़्तार किया था। जिसके बाद से उन्हें ज़मानत नहीं मिल पाई है।
ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
पूर्व मंत्री महेश जोशी अब ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को महेश जोशी की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत के लिए याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईडी को नोटिस जारी कर चार हफ़्ते में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। दरअसल, जलधारा के पूर्व मंत्री महेश जोशी 5 महीने से जेल में हैं। उन पर जल जीवन मिशन में 979 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। इस मामले में ईडी ने 24 अप्रैल को महेश जोशी को गिरफ्तार किया था।
2.01 करोड़ रुपये लेने के आरोप का कोई सबूत नहीं
महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एसीबी में दर्ज मूल मामले में उनका नाम नहीं है। ईडी उन पर 2.01 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा रही है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा, ईडी ने महेश जोशी के बेटे के फॉर्म में 50 लाख रुपये के लेन-देन का ज़िक्र किया है। जबकि उन्होंने यह रकम लोन के तौर पर ली थी, जिसे उन्होंने वापस कर दिया है।
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