गुरुग्राम, हरियाणा: दोस्ती और मामूली झगड़े का ऐसा खौफ़नाक अंत हुआ कि सुनकर हर कोई सिहर उठेगा। हरियाणा के गुरुग्राम में एक ग्यारहवीं कक्षा के छात्र ने अपने ही सहपाठी को सिर्फ इसलिए गोली मार दी, क्योंकि वह अपने मोबाइल फोन में व्यस्त था और आरोपी के सवालों का जवाब नहीं दे रहा था। इस दिल दहला देने वाली वारदात में घायल छात्र की हालत गंभीर बनी हुई है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह पूरी घटना बीते शनिवार को सेक्टर 48 स्थित आरोपी छात्र के घर पर हुई। पीड़ित छात्र की मां ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके बेटे के दोस्त ने उसे मिलने के लिए बुलाया था। पहले तो बेटे ने मना किया, लेकिन दोस्त के ज़िद करने पर वह खेड़की दौला टोल पर उससे मिला। इसके बाद आरोपी छात्र अपने एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर पीड़ित को अपने घर ले गया।पीड़ित की मां के अनुसार, लगभग दो महीने पहले उनके बेटे का आरोपी दोस्त से झगड़ा हुआ था, और इसी रंजिश के चलते आरोपी ने जान से मारने की नीयत से उसे गोली मार दी।
पुलिस पूछताछ में आरोपी छात्र ने जो खुलासा किया, वह और भी चौंकाने वाला है। आरोपी ने बताया कि तीनों सहपाठी थे, लेकिन जब वह पीड़ित छात्र से कुछ पूछ रहा था, तो वह मोबाइल पर कुछ देखने में व्यस्त था और तीन बार पूछने पर भी उसने कोई जवाब नहीं दिया।बस इसी बात पर आरोपी को इतना गुस्सा आया कि उसने गोली चला दी। इस खुलासे से पता चलता है कि पहले की रंजिश के साथ-साथ, मोबाइल फोन में व्यस्तता और सवालों को अनसुना करना तात्कालिक रूप से गोली चलाने का कारण बना।
गोली लगने से घायल 17 वर्षीय पीड़ित छात्र की गर्दन की हड्डी टूट गई है। गोली गर्दन के आर-पार हो गई है, हालांकि कुछ छर्रे अब भी फंसे हुए हैं। पीड़ित छात्र को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसकी हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी और उसके एक अन्य दोस्त को पकड़ लिया है और उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश करने के बाद फ़रीदाबाद के एक सुधार गृह (Correctional Home) भेज दिया गया है।हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “वीडियो गेम खेलने वाली पीढ़ी को यह नहीं पता कि किसी को गोली मारना कोई खेल नहीं है।” उन्होंने माता-पिता और स्कूलों को बच्चों में ‘लोगों से घुलने-मिलने’ (mingling skills) से जुड़े कौशल विकसित करने की सलाह दी, ताकि छोटे-मोटे झगड़ों या विवादों की नौबत न आए। डीजीपी ने हथियार लाइसेंस धारकों को भी सचेत रहने और अपने हथियारों पर कड़ी नज़र रखने के निर्देश दिए हैं।
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