नई दिल्ली, भारत - हाल ही में एक अध्ययन ने शारीरिक संबंधों की संख्या और उम्र बढ़ने के बीच एक आश्चर्यजनक संबंध का खुलासा किया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में एक निश्चित संख्या से अधिक बार शारीरिक संबंध बनाता है, तो यह उसकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इसका परिणाम यह हो सकता है कि व्यक्ति 40 की उम्र में ही 70 साल के बुजुर्ग जैसा अनुभव करने लगे। यह अध्ययन लोगों को स्वास्थ्य और जीवनशैली के प्रति जागरूक करने में सहायक हो सकता है।
मुख्य निष्कर्ष
अध्ययन के अनुसार, सप्ताह में 3-4 बार से अधिक शारीरिक संबंध बनाने वाले व्यक्तियों में शारीरिक और मानसिक थकान की समस्या अधिक देखी गई। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि अत्यधिक शारीरिक संबंध बनाने से शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और व्यक्ति जल्दी बूढ़ा महसूस करने लगता है।
अधिक शारीरिक संबंध बनाने वाले लोगों में नींद की कमी, ऊर्जा की कमी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं भी अधिक देखी गईं, जो उन्हें समय से पहले बूढ़ा बना सकती हैं।
शोध की प्रक्रिया
यह अध्ययन विश्वभर के 5,000 से अधिक प्रतिभागियों पर किया गया, जिनकी उम्र 25 से 45 वर्ष के बीच थी। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की शारीरिक गतिविधियों, नींद के पैटर्न, मानसिक स्वास्थ्य और उम्र बढ़ने से जुड़े लक्षणों का गहन अध्ययन किया। परिणामस्वरूप, जो लोग सप्ताह में 3-4 बार से अधिक शारीरिक संबंध बनाते हैं, उनमें उम्र बढ़ने के लक्षण जैसे झुर्रियां, बालों का सफेद होना और ऊर्जा की कमी अधिक देखी गई।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. राजेश वर्मा, एक प्रमुख सेक्सोलॉजिस्ट और शोध के सह-लेखक, ने बताया कि अत्यधिक शारीरिक संबंध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "शारीरिक संबंध एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा हैं, लेकिन यदि इसे अधिक किया जाए तो यह नुकसानदायक हो सकता है। शरीर को पर्याप्त आराम और पुनर्जीवित होने का समय चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि शारीरिक संबंधों की आवृत्ति व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और जीवनशैली पर निर्भर करती है। लोगों को अपनी शारीरिक क्षमताओं को समझकर उसी के अनुसार संबंध बनाने की सलाह दी गई।
सही संतुलन क्या है?
शोधकर्ताओं का मानना है कि सप्ताह में 2-3 बार शारीरिक संबंध बनाना एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए उचित है। इससे शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है और तनाव का स्तर भी नियंत्रित रहता है। यदि कोई व्यक्ति इससे अधिक बार संबंध बनाता है, तो उसे अपनी जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस अध्ययन के परिणामों ने लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। कई व्यक्तियों ने इसे गंभीरता से लिया है और अपनी जीवनशैली में बदलाव करने का निर्णय लिया है। वहीं, कुछ का मानना है कि शारीरिक संबंधों की आवृत्ति व्यक्तिगत मामला है और इसे शोध के आधार पर नहीं तय किया जा सकता।
यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि शारीरिक संबंधों की अधिकता हमारे शरीर और मन पर कैसे प्रभाव डाल सकती है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप भी अपनी शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को लेकर चिंतित हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।