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किडनी दान: जानें एक किडनी पर जीवन जीने की प्रक्रिया और सावधानियां

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किडनी ट्रांसप्लांट की जानकारी

किडनी ट्रांसप्लांट: मानव शरीर में दो किडनियां होती हैं, जिनका मुख्य कार्य रक्त को शुद्ध करना और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालना है। आपने किडनी दान के बारे में कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप इसके सभी पहलुओं से अवगत हैं? यदि नहीं, तो यहां किडनी दान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।


क्या एक किडनी जीवनभर के लिए पर्याप्त है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपनी एक किडनी दान करता है, तो उसके पास एक किडनी बच जाती है। एक किडनी से शरीर सामान्य से अधिक कार्य कर सकता है, जिससे दानकर्ता सामान्य जीवन जीने में सक्षम होता है। कुछ लोग जन्म से ही एक किडनी के साथ जीवन यापन करते हैं और उन्हें कोई समस्या नहीं होती।


किडनी का कार्य कैसे होता है?

किडनी दान की प्रक्रिया में एक सर्जरी होती है, जिसमें लेप्रोस्कोपिक तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक रक्तस्राव और संक्रमण के जोखिम को कम करती है। दान के बाद, डोनर आमतौर पर एक से तीन महीने में ठीक हो जाता है और उसे लंबे समय तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती। दान के बाद, बची हुई किडनी की कार्यक्षमता बढ़ जाती है, जिससे सामान्य जीवन जीना आसान हो जाता है। साल में एक बार स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक है।


क्या किडनी दान करने के बाद कोई समस्या हो सकती है?

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किडनी दान करने वाला व्यक्ति स्वस्थ है, तो भविष्य में कोई समस्या नहीं होगी। 30 से 40 वर्ष की आयु के बीच दान करने वाले स्वस्थ व्यक्तियों को अगले 20 से 25 वर्षों तक कोई समस्या नहीं होती।


किडनी दान करने की सही उम्र

किडनी दान के लिए वयस्कता सबसे उपयुक्त मानी जाती है। पहले 60 से 65 वर्ष की आयु के लोगों से किडनी नहीं ली जाती थी, लेकिन अब डोनर की कमी के कारण इस उम्र के लोग भी दान कर सकते हैं, बशर्ते उनकी पूरी स्वास्थ्य जांच की जाए।


किडनी दान करना कितना सुरक्षित है?

किडनी दान से पहले डोनर की स्वास्थ्य जांच की जाती है। यदि व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ है और कोई गंभीर बीमारी नहीं है, तो वह किडनी दान कर सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया थोड़ी जोखिम भरी होती है, लेकिन इसे सुरक्षित माना जाता है।


किडनी दान के बाद सावधानियां

किडनी दान के बाद, डोनर को 6 हफ्तों तक भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। इस दौरान भारी व्यायाम और खेल गतिविधियों से भी दूर रहना चाहिए। खान-पान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है, जिसमें शराब, कैफीन और उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना शामिल है।


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