देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए सोलर इंडस्ट्री के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
बजट 2024 से क्या चाहती है सोलर इंडस्ट्री?
भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन हर वर्ष 100 गीगावाट तक पहुँचता है, और यह संभावना है कि भारत आने वाले वर्षों में विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन जाए। अगले तीन वर्षों में, भारत 300 गीगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता रखता है। इसके लिए, सरकार ने नागरिकों को सौर सब्सिडी प्रदान करने हेतु पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की है।
बजट में सोलर इंडस्ट्री की अपेक्षाएँ
सौर उद्योग से जुड़े ब्रांड वर्तमान में सौर पैनल और इन्वर्टर पर 12% जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, जिसे उद्योग 5% करने की मांग कर रहा है। इसके अलावा, सौर पैनल पर कस्टम ड्यूटी को 40% से घटाकर 25% करने की भी मांग की जा रही है। सौर पैनल के आयात पर छूट की आवश्यकता है।
सौर पैनल उद्योग कैपेक्स पर 25% सब्सिडी की भी मांग कर रहा है।
सूर्यघर योजना का पोर्टल और सुधार की आवश्यकता
एमएसएमई सर्टिफिकेशन के लिए 25 लाख रुपये का खर्च आता है, और उद्योग सरकार से इस खर्च को उठाने की अपील कर रहा है। पीएम सूर्यघर योजना के पोर्टल को मजबूत करने की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान में यह सही से कार्य नहीं कर रहा है। विभिन्न राज्यों में सौर नीति भिन्न होती है, और उद्योग केंद्र सरकार से सभी नीतियों को तेजी से लागू करने का अनुरोध कर रहा है।
सौर उद्योग अधिक वित्तीय प्रोत्साहन की मांग कर रहा है, जिससे सौर क्षेत्र में निवेश और विकास को बढ़ावा मिल सके। सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी के विकास और अनुसंधान में अधिक निवेश की आवश्यकता है, और सौर ग्रिड में सुधार एवं विस्तार के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जा सकती है। सौर उद्योग पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है, जिससे आम नागरिकों को भी लाभ होगा।
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