नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ला नीना के कारण इस वर्ष भारत में सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जो ला नीना की स्थिति के विकसित होने का संकेत देती है। यह जलवायु स्थिति वैश्विक स्तर पर मौसम के पैटर्न को प्रभावित करती है और भारत में ठंड व वर्षा बढ़ने का कारण बनती है।
उत्तर भारत में दिवाली से पहले ही ठंड का असर
उत्तर भारत में दिवाली से पहले ही ठंड का असर महसूस होने लगा है। दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव समेत कई इलाकों में सुबह हल्का कोहरा छाया हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि लौटता हुआ मानसून आने वाले हफ्तों में हल्की बारिश भी ला सकता है, जिससे ठंडक और बढ़ सकती है।
ENSO चक्र के तीन चरण
ला नीना, अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) का ठंडा चरण है। इस दौरान प्रशांत महासागर के मध्य और पूर्वी भाग का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है। इसके कारण वैश्विक वायुमंडलीय प्रवाह में बदलाव आता है, जो तापमान, वर्षा और तूफानों को प्रभावित करता है। ENSO चक्र के तीन चरण होते हैं- अल नीनो (गर्म), ला नीना (ठंडा) और उदासीन। ये चरण आमतौर पर हर दो से सात साल में बदलते रहते हैं।
‘ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद’
IMD के महानिदेशक एम. महापात्रा ने कहा, “अगले कुछ महीनों में ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद है। मानसून के बाद के मौसम के लिए विस्तृत तापमान पूर्वानुमान जल्द जारी किया जाएगा।”
IMD ने अक्टूबर में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई है। अनुमान के अनुसार, अक्टूबर में औसतन 75.4 मिमी की अपेक्षा 115 प्रतिशत वर्षा हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में इसका असर ज्यादा दिखेगा, जहां बर्फबारी और ठंडी हवाएं तापमान को और कम कर देंगी।
दक्षिण भारत में भी इसका असर देखने को मिलेगा। पूर्वोत्तर मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि इन इलाकों में बारिश औसत से 112 प्रतिशत तक अधिक हो सकती है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तापमान में गिरावट के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। राजधानी की वायु गुणवत्ता फिलहाल “मध्यम” श्रेणी में है, लेकिन तापमान गिरने से यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई है। श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में हुई हालिया बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है। यह सर्दी का मौसम सामान्य समय से पहले आने का संकेत है।
IMD की नागरिकों को सलाह
मौसम विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि आने वाले महीनों में तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है। ऐसे में लोगों को ठंड से बचाव के उपाय पहले से करने चाहिए। वहीं किसानों के लिए भी यह चेतावनी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौसम में बदलाव उनकी फसलों को प्रभावित कर सकता है। इस बार की सर्दी, आईएमडी के मुताबिक, पिछले वर्षों की तुलना में अधिक ठंडी और लंबी रहने की संभावना है।
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