भारत ऐसा देश है जहां आपको ढेरों मंदिर देखने को मिल जाएंगे। यहां हर मंदिर का एक अलग इतिहास और उससे जुड़ी मान्यता है। आज हम आपको 600 साल पुराने एक खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। यह मंदिर भारत में नहीं बल्कि एक मुस्लिम देश इंडोनेशिया के बाली में स्थित है। इस मंदिर का नाम है ‘तनाह लोत मंदिर’।
समुद्र के बीचो-बीच बना है ये अनोखा मंदिरसमुद्र के बीचो-बीच बनाया मंदिर एक बड़ी सी चट्टान पर स्थित है। यह चट्टान हजारों साल के दौरान समुद्री पानी के ज्वार से हुए क्षरण से बनी है। ‘तनाह लोत मंदिर’ समुद्र में बने उन 7 मंदिरों में से एक है जो एक श्रृंखला में बनाए गए हैं। यहां पर एक मंदिर से दूसरे मंदिर का नजारा साफ-साफ दिखाई देता है। इस मंदिर को 15वीं सदी में निरर्थ नाम के एक पुजारी ने बनवाया था।

पुजारी जी समुद्र तट के किनारे-किनारे चलते हुए यहां आए थे। वह यहां की सुंदरता देख मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने यहां एक रात विश्राम किया। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । इस दौरान यहां की सुंदरता से मोहित होकर लोकल मछवारों से विनती की कि वे यहां समुद्र देवता का मंदिर बनाए। और इस तरह ये मंदिर बना। यहां पुजारी निरर्थ की भी पूजा होती है। साल 1980 में मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को खतरनाक घोषित कर दिया गया था। इसकी वजह थी मंदिर जिस शिला पर टिका था वह झड़ने लगी थी।
इसके बाद जापान सरकार ने इस मंदिर को सुरक्षित करने में इंडोनेशियाई सरकार की मदद की थी। उन्होंने इस मंदिर की चट्टान का लगभग एक तिहाई हिस्सा कृत्रिम रूप से तैयार किया था। ‘तनाह लोत मंदिर’ का नाम भी बड़ा दिलचस्प है। ‘तनाह लोत’ का स्थानीय भाषा में मतलब समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि) है। यह मंदिर पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहता है।
विषैले सांप करते हैं मंदिर की रक्षाइस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक मान्यताएं भी हैं। जैसे कहा जाता है कि इस मंदिर की रक्षा यहां की चट्टानों के नीचे रह रहे विषैले सांप कहते हैं। यह सांप बुरी आत्माओं और बुरे लोगों से मंदिर को बचाते हैं। कहा जाता है कि पुजारी निरर्थ ने अपनी शक्ति से एक विशाल समुद्री सांप को पैदा किया था। यह सांप आज भी मंदिर की सुरक्षा कर रहा है। इसके रहते कोई भी मंदिर का कुछ बुरा नहीं कर सकता है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको 600 साल पुराने इस मंदिर की रोचक कहानी पसंद आई होगी। यदि हां तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। यदि मौका लगे तो इंडोनेशिया जाकर इस मंदिर को जरूर देखें।
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