महाराष्ट्र में एक ऐसी घटना हुई जिसने सबको हैरान कर दिया. यहां तीन छोटे बच्चे, एक ही स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं. इनमें से एक 8 साल की मासूम लड़की थी. उसके साथ दो बच्चे थे एक 9 साल का लड़का और एक 9 साल की लड़की. ये तीनों जिला परिषद स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे.
स्कूल में बच्चे अपनी कक्षा में बैठे थे, लेकिन अचानक उस 9 साल के लड़के ने एक योजना बनाई. उसने अपनी क्लास की उस 9 साल की लड़की से मदद मांगी. लड़की ने हामी भर दी. वे दोनों मिलकर उस 8 साल की मासूम लड़की को बहला-फुसलाकर स्कूल के शौचालय में ले गए. वहां लड़के ने लड़की का यौन उत्पीड़न किया, जबकि दूसरी लड़की ने उसकी मदद की. मासूम बच्ची डर गई, दर्द हुआ, लेकिन वह चुप रही. शायद उसे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है.
कुछ दिन बीत गए. बच्ची को अपने गुप्तांगों में बहुत दर्द होने लगा. वह रोने लगी और अपनी मां से शिकायत की. मां घबरा गई और उसे तुरंत अस्पताल ले गई. डॉक्टरों ने जांच की तो गुप्तांगों पर चोट के निशान मिले. डॉक्टरों ने पूछा तो बच्ची ने डरते-डरते सब बता दिया. उसने कहा कि उसके क्लास का एक लड़का और एक लड़की ने मिलकर शौचालय में उसके साथ गलत काम किया. मां सीधे पुलिस स्टेशन गई और शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने बच्ची की बात सुनी और मामले की जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर अपराध है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और बच्चों के यौन अपराध से सुरक्षा कानून (POCSO एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया. दोनों आरोपी बच्चों 9 साल के लड़के और 9 साल की लड़की को हिरासत में लिया गया. चूंकि वे नाबालिग हैं, इसलिए उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया. वहां उन्हें सुधारने और सिखाने की कोशिश की जाएगी.
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