भारत के कई लोग थाईलैंड घूमने का सपना रखते हैं, क्योंकि एक तो वीजा ऑन अराइवल है और दूसरा बाय एयर दिल्ली से थाईलैंड आना-जाना दिल्ली से गोवा के टूर से भी सस्ता पड़ जाता है. सस्ते टिकट, सुंदर समुद्र तट और रंगीन नाइटलाइफ के कारण यह जगह भारतीय यात्रियों की फेवरेट डेस्टिनेशन बन चुकी है. लेकिन अब यहां छुट्टियां मनाना थोड़ा महंगा पड़ सकता है. थाईलैंड की सरकार एक नया नियम लाने जा रही है, जिसके तहत वहां आने वाले विदेशी यात्रियों से 300 बाट (Baht, थाईलैंड की करेंसी) का टैक्स लिया जाएगा. भारतीय करेंसी में यह 820 रुपये होंगे. यह रकम हर उस विदेशी व्यक्ति से वसूली जाएगी, जो थाईलैंड की धरती पर कदम रखेगा.
यह प्लान साल 2020 में ही बना लिया गया था, लेकिन अब जाकर इसे लागू करने की गंभीर तैयारी हो रही है. देश के नए पर्यटन मंत्री अट्ठाकोर्न सिरिलत्तयाकोर्न (Atthakorn Sirilatthayakorn) ने साफ कहा है कि अपने कार्यकाल में वे इस टैक्स को लागू करेंगे. पहले यह टैक्स हवाई और जमीन के रास्ते आने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग था. हवाई यात्रा वालों से 300 बाट और जमीन या समुद्र के रास्ते आने वालों से 150 बाट लिए जाने की योजना थी. लेकिन अब इसे सभी के लिए समान 300 बाट रखा गया है.
कब से लागू होगा ये टैक्स
फिलहाल इस टैक्स की कोई तय तारीख नहीं है, लेकिन सरकार की योजना इसे नियमों और तकनीकी प्रक्रिया पूरी होने के 4 महीने के भीतर लागू करने की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टैक्स साल 2026 के आखिर तक शुरू किया जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर आप आने वाले समय में थाईलैंड की यात्रा की सोच रहे हैं, तो अपने बजट में थोड़ा और खर्च जोड़ना पड़ सकता है.
सरकार ने संबंधित एजेंसियों को यह भी निर्देश दिया है कि आम लोगों को इस टैक्स का मकसद ठीक से समझाया जाए. थाईलैंड सरकार चाहती है कि यात्रियों को साफ बताया जाए कि उनसे ली जाने वाली रकम कहां खर्च होगी. इस पैसे से वहां आने वाले पर्यटकों के लिए इंश्योरेंस कवर और पर्यटन से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया जाएगा. यानी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को और मजबूत बनाने के लिए यह टैक्स लगाया जा रहा है.
रकम बड़ी नहीं, मगर बजट में जुड़ेगी जरूर
सरकार का कहना है कि टैक्स लगाने से पहले पारदर्शिता जरूरी होगी. यात्रियों को यह भरोसा दिलाना होगा कि उनका पैसा वाकई उनके ही काम में लगाया जाएगा. इसलिए सरकार प्रचार अभियान चलाकर लोगों को जानकारी देगी. भारत से हर साल लाखों यात्री थाईलैंड घूमने जाते हैं. ऐसे में 300 बाट का अतिरिक्त टैक्स किसी के लिए बड़ी रकम तो नहीं है, लेकिन जब यह खर्च टिकट, होटल और अन्य खर्चों में जुड़ जाएगा, तो कुल यात्रा लागत बढ़ सकती है. थाईलैंड का यह कदम कई देशों में पहले से लागू ‘टूरिज्म टैक्स’ जैसा ही है.
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