नई दिल्ली। सरकार ने लद्दाख कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था का एफसीआरए पंजीकरण रद कर दिया है। आरोप है कि एनजीओ के लिए विदेशी फंडिंग से संबंधित कानून का ‘बार-बार’ उल्लंघन किया गया। यह रद्दीकरण वांगचुक के नेतृत्व में केंद्र शासित प्रदेश में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के 24 घंटे बाद हुआ है।
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वांगचुक के स्थापित संस्थानों से जुड़े विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने कहा, “सोनम वांगचुक की ओर से एफसीआरए उल्लंघन की जांच प्रारंभिक जांच के तौर पर कुछ समय से चल रही है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।”
गृह मंत्रालय ने क्या लगाया आरोप?
गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर सोनम वांगचुक पर युवाओं को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगाया, जबकि उन्होंने खुद 24 सितंबर को अपना अनशन तोड़ने का फैसला किया था।
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने एक बयान में कहा कि उपद्रवियों ने युवाओं को भड़काकर हिंसा भड़काई। गुप्ता ने कहा कि जब भीड़ ने सीआरपीएफ के एक वाहन में आग लगा दी और वाहन के अंदर मौजूद जवानों को जिंदा जलाने का इरादा किया, तो सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।
सोनम वांगचुक ने क्या कहा?
सोनम वांगचुक ने बताया कि लगभग 10 दिन पहले, सीबीआई की एक टीम लेह पहुंची थी और उन्हें बताया था कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) में संभावित FCRA उल्लंघनों के संबंध में गृह मंत्रालय (MHA) से एक शिकायत मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई टीम ने उन्हें बताया कि उन्होंने विदेशी धन प्राप्त करने के लिए FCRA के तहत मंजूरी नहीं ली है। वांगचुक ने कहा, “हम अपने ज्ञान का निर्यात करते हैं और राजस्व जुटाते हैं। ऐसे तीन मामलों में, सीबीआई टीम ने कहा कि हमने FCRA का उल्लंघन किया है।”
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