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ऐश्वर्या पिस्से : मोटरस्पोर्ट में देश का नाम रोशन करने वाली महिला रेसर, जिन्होंने समाज की सोच को बदला

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New Delhi, 13 अगस्त . ऐश्वर्या पिस्से भारत की पहली महिला राइडर हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटरस्पोर्ट में देश का नाम रोशन किया. ऐश्वर्या सर्किट और ऑफ-रोड दोनों प्रकार की रेसिंग में माहिर हैं. उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते, और युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं.

14 अगस्त 1995 को बेंगलुरु में जन्मीं ऐश्वर्या पिस्से जब छोटी थीं, तो पिता के साथ मोटो जीपी रेस देखने जातीं. तेज रफ्तार गाड़ियां उन्हें अचंभित और प्रभावित करतीं. पावरफुल इंजन की आवाज उन्हें अपनी ओर खींचती.

ऐश्वर्या पिस्से को कॉलेज में अपनी सीनियर रंजना गोपालकृष्ण से उन्हें प्रेरणा मिलीं. वह कॉलेज के दिनों में बाइकिंग करती थीं. बाइक चलाना ऐश्वर्या को इतना पसंद था कि उन्होंने करीब एक साल ड्यूक 200 मोटरसाइकिल पर देश का कोना-कोना घूमा.

ऐश्वर्या पिस्से के जुनून को देखते हुए एक साथी ने उन्हें एपेक्स रेसिंग एकेडमी में ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया, जहां से ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने साल 2016 में प्रोफेशनल राइडिंग शुरू की. साल 2016 में अपनी पहली रेस में ऐश्वर्या उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकीं, लेकिन इससे निराश नहीं हुईं. उन्होंने अपनी स्किल को सुधारते हुए खुद को बेहतर बनाया.

साल 2017 में ऐश्वर्या ने इंडियन नेशनल रैली चैंपियनशिप, रेड डी हिमालया, साउथ डेयर, टीवीएस अपाचे लेडीज वन मेक चैंपियनशिप सहित कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हुए खिताब जीते.

जब ऐश्वर्या ने रेसिंग में करियर बनाने का फैसला परिवार को बताया, तो परिवार इसके लिए तैयार नहीं था. उन्होंने रेसिंग को सिर्फ एक शौक के तौर पर ही जारी रखने की सलाह दी. लेकिन ऐश्वर्या को दृढ़ विश्वास था कि उनमें इसे करियर बनाने के लिए हुनर और प्रतिभा है.

ऐश्वर्या साल 2018 में बाजा वर्ल्ड रैली में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला रेसर बनीं. साल 2019 में भारत की पहली एफआईएम बाजा वर्ल्ड चैंपियन बनीं.

जब ऐश्वर्या ने रेसिंग शुरू की, तब उनके आस-पास ऐसे लोग नहीं थे, जिनसे प्रेरणा ले सकें. उनका मानना है कि महिलाओं को आगे बढ़ते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए.

आरएसजी

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