मॉस्को, 7 अप्रैल . क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि रूस, तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को कम करने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार है. वाशिंगटन का कहना है कि तेहरान उसके साथ परमाणु समझौता करे या फिर बमबारी के तैयारी करे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. मॉस्को ने कई बार मध्यस्थता की पेशकश की है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, “हम अपने ईरानी साझेदारों के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं, जिसमें परमाणु समझौते का विषय भी शामिल है.” उन्होंने कहा, “यह प्रक्रिया निकट भविष्य में भी जारी रहेगी. बेशक, रूस राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से इस समस्या के समाधान में योगदान देने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है.”
ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे औपचारिक रूप से ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है. जेसीपीओए को ईरान परमाणु समझौता या ईरान डील के नाम से भी जाना जाता है. इसके तहत प्रतिबंधों में राहत और अन्य प्रावधानों के बदले में ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर राजी हुआ था.
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया और ‘अधिकतम दबाव’ की नीति के तहत प्रतिबंध लगा दिए.
ईरान का कहना है कि उसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा की जरूरत है. उसने इस बात से इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार हासिल करना चाहता है.
तेहरान ने ट्रंप की सीधी वार्ता की मांग को ठुकरा दिया. एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने वीकेंड में उन पड़ोसियों को चेतावनी जारी की है जिनके यहां अमेरिकी सैन्यकि वे निशाने पर आ सकते हैं.
रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने पिछले सप्ताह कहा कि ईरान पर बमबारी के बारे में ट्रंप की टिप्पणियों ने केवल ‘स्थिति को जटिल’ बनाया है. उन्होंने चेतावनी दीकि हमले व्यापक क्षेत्र के लिए ‘विनाशकारी’ हो सकते हैं.
यह बयान इसलिए भी अहम था क्योंकि रूस ने ट्रंप की ऐसी तीखी आलोचना से परहेज किया है.
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं. वहीं ट्रंप का रवैया भी रूस को लेकर बेहद नरम रहा है. इससे यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी चिंतित हैं.
यूक्रेन में पूर्ण पैमाने पर संघर्ष शुरू होने के बाद से मॉस्को ने तेहरान के साथ संबंधों को गहरा किया है. दोनों ने जनवरी में एक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
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