बीजिंग, 18 अप्रैल . ‘बांडुंग भावना को आगे बढ़ाने पर गोलमेज बैठक’ चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसकी थीम ‘ग्लोबल साउथ : बांडुंग भावना को आगे बढ़ाना और एक साथ आधुनिकीकरण की ओर बढ़ना’ है. इस मौके पर, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बैठक में एक लिखित भाषण दिया.
वांग यी ने कहा कि 70 साल पहले, एशिया और अफ्रीका के 29 देशों और क्षेत्रों के नेताओं ने इंडोनेशिया के बांडुंग में एकत्र होकर सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें एकता, मैत्री और सहयोग की बांडुंग भावना का गठन किया गया था. पिछले 70 वर्षों में, बांडुंग भावना से प्रेरित होकर, एशियाई और अफ्रीकी देश शांति बनाए रखने, विकास को बढ़ावा देने और सहयोग को गहरा करने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गए हैं.
वांग यी ने बल देते हुए कहा कि हमें शांति और स्थिरता की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए, संयुक्त राष्ट्र के केंद्र वाली अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए, समान व व्यवस्थित बहुध्रुवीय विश्व की वकालत करनी चाहिए और सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए. साथ ही, हमें विकास और आजीविका को प्राथमिकता देनी चाहिए, समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए, संयुक्त रूप से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए, एकतरफा संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए और एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए.
वांग यी ने आगे कहा कि चीन व्यापक सुधार को और गहरा कर रहा है, चीनी शैली के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ा रहा है और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वैश्विक दक्षिण देशों और दुनिया भर के देशों के विकास के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे और प्रेरणा शक्ति मिलेगी.
उधर, बैठक में इंडोनेशिया की उप विदेश मंत्री सिती नुग्रहा मौलुदिया ने इंडोनेशियाई विदेश मंत्रालय की ओर से गोलमेज बैठक के आयोजन को बधाई दी और भाषण देते हुए कहा कि आज विश्व अनेक संकटों का सामना कर रहा है. वैश्विक दक्षिण को एकजुट होना चाहिए, बांडुंग भावना को आगे बढ़ाना चाहिए, समावेशिता, सार्वभौमिक लाभ, निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों पर सहयोग को मजबूत करना चाहिए, बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, एकतरफावाद का विरोध करना चाहिए, संयुक्त रूप से विकास के अधिकारों और हितों की रक्षा करनी चाहिए और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
बता दें कि यह बैठक चीनी लोगों के विदेश मामलों के संस्थान और चीन में इंडोनेशियाई दूतावास ने संयुक्त रूप से आयोजित की, जिसमें चीन में इंडोनेशियाई राजदूत, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री, म्यांमार के पूर्व विदेश मंत्री के साथ-साथ संबंधित विद्वानों और विशेषज्ञों सहित 60 से अधिक अतिथियों ने भाग लिया.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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