बेंगलुरु, 22 मई . कांग्रेस शासित कर्नाटक के मंत्री जी. परमेश्वर से जुड़े स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी तूल पकड़ती जा रही है. इस बीच ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव यूबी वेंकटेश ने गुरुवार को इसे छवि खराब करने की कार्रवाई बताया.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जी. परमेश्वर के स्वामित्व वाले कॉलेज में छापेमारी की थी. यह छापेमारी अभिनेत्री रान्या राव सोना तस्करी मामले में की गई थी. ईडी को इस बात की जानकारी मिली थी कि अभिनेत्री और जी. परमेश्वर के स्वामित्व वाले कॉलेज के बीच कुछ वित्तीय लेन-देन हुए हैं. इसी के बाद ईडी ने शिक्षण संस्थान पर छापा मारा और कॉलेज से जुड़े वित्तीय दस्तावेजों की भी जांच की थी.
यूबी वेंकटेश ने समाचार एजेंसी से कहा, “कुछ भी नहीं है, यह कर्नाटक में 70 साल पुरानी संस्था है. परमेश्वर चार से पांच बार मंत्री बने हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोग जानबूझकर कांग्रेस वालों पर कुछ न कुछ आरोप लगाते रहते हैं. वे छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. एक 40 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है.”
बता दें कि कांग्रेस ने भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध के चलते ईडी की कार्रवाई करने का आरोप लगाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक तौर पर निशाना बनाने की कोशिश है. मौजूदा समय में जिस तरह के कार्य ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की तरफ से किए जा रहे हैं, उसमें कुछ भी नया नहीं है. इससे पहले भी यह इस तरह हमारे अन्य नेताओं को निशाना बना चुके हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में ईडी और आईटी की तरफ से 193 केस दर्ज किए गए, लेकिन इन सबका कनविक्शन रेट महज दो प्रतिशत है. यही नहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार भी लगाई थी कि आखिर आप क्यों महज सेलेक्टिव तरीके से विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लेने की कोशिश कर रहे हैं.
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एससीएच/एबीएम
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