New Delhi, 5 अक्टूबर . आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि Monday को पड़ रही है. इस दिन शरद पूर्णिमा और कोजागर पूजा का संयोग भी बन रहा है. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
द्रिक पंचांग के अनुसार, Monday के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह के 11 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. वहीं, चतुर्दशी का समय 5 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 6 अक्टूबर को 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इसके बाद पूर्णिमा लग जाएगी, जिस हिसाब से शरद पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाएगा.
शरद पूर्णिमा, हिंदू कैलेंडर की सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमाओं में से एक है. इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जो इसे विशेष बनाता है. हिंदू मान्यताओं में भगवान श्रीकृष्ण को सोलह कलाओं और भगवान श्रीराम को बारह कलाओं से युक्त माना जाता है. इस दिन नवविवाहित महिलाएं वर्ष भर की पूर्णिमाओं पर उपवास का संकल्प लेती हैं. Gujarat में इसे शरद पूनम के नाम से जाना जाता है.
नारद पुराण के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और घरों में प्रवेश करती हैं. इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही, कनकधारा स्तोत्र के पाठ और “ऊं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है. रात को केसर युक्त खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखना और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है.
अगर किसी के दापत्य जीवन में समस्याएं चल रही हैं तो पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दे सकते हैं, जिससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं. पीपल की पूजा और माता लक्ष्मी के मंदिर में नारियल, मेवे व लाल चुनरी अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
पश्चिम बंगाल, Odisha और असम में कोजागर व्रत का विशेष महत्व है. इसे कोजागरी पूजा, बंगाली लक्ष्मी पूजा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस रात माता लक्ष्मी जागते हुए भक्तों को धन-धान्य से समृद्ध करती हैं. स्कन्दपुराण के अनुसार यह व्रत ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और सुख प्रदान करता है. भक्त रात्रि जागरण कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं.
इस दिन का विशेष योग भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है. चंद्रमा की पूजा और व्रत से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं.
–
एनएस/वीसी
You may also like
Labour Card Yojana 2025: जिन मजदूरों का बना है लेवर कार्ड तो मिलेंगे इतने पैसे
Public Holiday : 7 अक्टूबर को रहेगा सार्वजनिक अवकाश, जानें क्या बंद रहेगा क्या खुलेगा
प्रतीक स्मिता पाटिल को सिर्फ अपनी पत्नी के साथ ही रैंप वॉक करना पसंद
शुभमन गिल को रोहित के नेतृत्व गुणों की जरूरत होगी: हरभजन सिंह
बिहार: जीविका समूह बना रीमा देवी के लिए वरदान, आर्थिक रूप से बनीं मजबूत और आत्मनिर्भर