नई दिल्ली, 20 मई . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करना न केवल आर्थिक, बल्कि लोकतांत्रिक जरूरत भी है और इस पृष्ठभूमि में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है.
बाजार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के 16वें वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रतिस्पर्धा दक्षता और इनोवेशन को बढ़ावा देती है और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाती है.
उन्होंने कहा, “इनोवेशन के लिए प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है. एकाधिकार वाले माहौल में विकसित होने की कोई जल्दी नहीं होती. जबकि, प्रतिस्पर्धा के साथ, पीछे छूट जाने का डर संगठनों को टेक्नोलॉजी, डिजाइन, सर्विस और डिलीवरी में इनोवेशन के लिए मजबूर करता है.”
वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, फ्री और फेयर ट्रेड मार्केट यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी सिंगल प्लेयर रिसोर्सेज पर अपना एकाधिकार न बना ले, विकल्पों को न छिपा सके और प्राइस को ज्यादा न बढ़ा सके.
उन्होंने कहा, “इससे हमारे उपभोक्ताओं को लाभ होता है.”
वित्त मंत्री ने कहा, “भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के पास प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत तीन मुख्य कार्य हैं: पहला बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उसे बनाए रखना. दूसरा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना तथा व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और तीसरा प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली प्रथाओं को रोकना.”
आज की परस्पर जुड़ी हुई और तेज गति वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था में, विनियामक मंजूरी में देरी से अनिश्चितता पैदा हो सकती है, वाणिज्यिक समयसीमा बाधित हो सकती है और संभावित रूप से लेनदेन के इच्छित मूल्य में कमी आ सकती है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने जोर देते हुए कहा, “यह आवश्यक है कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, कठोर निगरानी बनाए रखते हुए, ऐसे संयोजनों के लिए तेज और निर्बाध मंजूरी की सुविधा भी प्रदान करें, जो प्रतिस्पर्धा को कोई नुकसान न पहुंचाएं.”
पारंपरिक चुनौतियों के अलावा, हाल के वर्षों में नई चुनौतियों का उदय हुआ है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकें बाजार की शक्ति, पारदर्शिता, डेटा एक्सेस, एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रहों और प्रतिस्पर्धी नुकसान के दायरे को लेकर सवाल उठाती हैं.
वित्त मंत्री ने कहा, “इस साल के केंद्रीय बजट में मैंने उत्पादकता और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित एक लाइट-टच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के महत्व को बताया था. इसी तरह, नियामकों को विकास समर्थक मानसिकता के साथ नियामक सतर्कता को संतुलित करने के लिए ‘न्यूनतम आवश्यक, अधिकतम व्यवहार्य’ के सिद्धांत द्वारा निर्देशित होना चाहिए.”
–
एसकेटी/एबीएम
You may also like
Honor X9B: एक किफायती स्मार्टफोन की विस्तृत समीक्षा
गाजियाबाद में मौलवी की गिरफ्तारी: तंत्र-मंत्र के नाम पर धर्म परिवर्तन का मामला
Google I/O 2025: बदल जाएगा गूगल सर्च, लॉन्च हुआ एआई मोड, ChatGPT और Perplexity को टक्कर?
जान्हवी कपूर ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में किया डेब्यू, निर्देशक नीरज घायवान ने आउटफिट के लिए की मदद...
Royal Enfield 250: एक किफायती और स्टाइलिश बाइक का इंतजार