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बिहार विधानसभा चुनाव: राघोपुर सीट पर फिर तेजस्वी की अग्निपरीक्षा, लालू परिवार की विरासत दांव पर

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Patna, 15 अक्टूबर . बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने Wednesday को राघोपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. इसके साथ ही उन्होंने औपचारिक रूप से चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया.

राघोपुर विधानसभा क्षेत्र लंबे समय से लालू परिवार की Political विरासत से जुड़ा रहा है. यही वह सीट है, जिसने बिहार की राजनीति को दो Chief Minister (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी) और एक उपChief Minister (तेजस्वी यादव) दिए हैं. राघोपुर, यादव बहुल इलाका रहा है और आज भी इस समुदाय का वोट यहां निर्णायक भूमिका निभाता है.

यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (Lok Sabha) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है.

1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे Political सुर्खियों में ला दिया. इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे.

1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 1995 और 2000 में लालू प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की. 2000 के उपचुनाव और 2005 में राबड़ी देवी ने यहां से दो बार चुनाव जीता. इसके बाद 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की.

राघोपुर विधानसभा क्षेत्र को तीन Union Minister देने का भी गौरव हासिल है, जिनमें रामविलास पासवान, चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं, जो हाजीपुर Lok Sabha सीट से चुनकर संसद तक पहुंचे.

राघोपुर भौगोलिक रूप से वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर की तुलना में राज्य की राजधानी Patna के अधिक निकट है. इसके बावजूद, इस क्षेत्र को अब तक कोई ठोस विकास कार्य का लाभ नहीं मिल पाया है.

फिलहाल, आगामी विधानसभा चुनाव में राघोपुर फिर से राजद के प्रभाव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व की परीक्षा का केंद्र बनने जा रहा है.

डीसीएच/डीएससी

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