दोस्तो भारत दुनियाभर में ना केवल ऐतिहासिकता, संस्कृति के लिए विख्यात है बल्कि अपने विभिन्न तरह के जायकों, मसालों और विविध व्यंजनों के लिए भी जाना जाता है, लेकिन दोस्तो आपको जानकर हैरानी होगी जिन व्यंजनों का आनंद हम लेते हैं, उनमें से कई वास्तव में भारत में नहीं थे। समय के साथ, ये विदेशी व्यंजन हमारी संस्कृति, स्ट्रीट फ़ूड और त्योहारों का अभिन्न अंग बन गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

1. समोसा
भारत में लगभग हर गली-नुक्कड़ पर मिलता है।
मूल रूप से ईरान से, जहाँ इसे संबुसा कहा जाता था।
समय के साथ, इसने भारतीय स्वादों को अपनाया और सबसे पसंदीदा स्नैक्स में से एक बन गया।
2. जलेबी
शादियों और त्योहारों पर एक ज़रूरी मिठाई।
इसका इतिहास ईरान से है, जहाँ इसे जलेबिया कहा जाता था।
तुर्की व्यापारियों द्वारा भारत लाया गया और अब यह घर-घर में पसंद किया जाने वाला व्यंजन है।
3. गुलाब जामुन
लगभग हर त्यौहार के अवसर पर परोसी जाने वाली एक लोकप्रिय मिठाई।
मुगलों द्वारा फारस से भारत लाया गया, जहाँ इसे लुकमत अल-कादी के नाम से जाना जाता था।
आज, यह सबसे प्रतिष्ठित भारतीय मिठाइयों में से एक है।
4. पाव भाजी
मुंबई और दिल्ली में एक विशेष स्ट्रीट फ़ूड।
पाव शब्द पुर्तगाली भाषा से आया है, जिसका अर्थ है रोटी।
पुर्तगाली ही इस व्यंजन को भारत लाए थे, और मुंबई ने इसे एक मसालेदार स्वाद दिया।

5. दाल-चावल
लाखों भारतीयों के लिए यह एक बेहतरीन आरामदायक भोजन है।
इसकी जड़ें नेपाल में हैं, जहाँ इस व्यंजन की उत्पत्ति हुई थी।
विदेशी मूल के होने के बावजूद, दाल-चावल अब भारतीय घरों में एक मुख्य व्यंजन है।
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