दोस्तो पेड़ पौधे हमें केवल शुध्द हवा ही नहीं देते हैं बल्कि ये पेड़ पौधे कई बीमारियों का इलाज भी करते हैं, ऐसे में हम बात करें नीम की तो ये सबसे शक्तिशाली औषधीय वृक्षों में से एक है, नीम जीवाणुरोधी, कवकरोधी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर है। त्वचा की देखभाल से लेकर मुख स्वास्थ्य तक, बालों की देखभाल से लेकर मधुमेह प्रबंधन तक, सदियों से आयुर्वेद में नीम पर भरोसा किया जाता रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स

नीम के लाभ और उपयोग
त्वचा के लिए (मुँहासे और फोड़े)
नीम के पत्तों को मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाउडर के साथ मिलाकर लगाने से मुँहासों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
पीढ़ियों से इसका उपयोग फोड़े-फुंसियों, मुंहासों और अन्य त्वचा संक्रमणों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है।
बालों और खोपड़ी के लिए
नीम का पेस्ट खोपड़ी पर लगाने से जीवाणु संक्रमण और रूसी कम होती है।
अगर खुजली बनी रहती है, तो नीम के पत्तों को पानी में उबालें, ठंडा करें और इससे बाल धोएँ।
दांतों और मुख देखभाल के लिए
नीम की टहनियों से मंजन करने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं।
यह प्राकृतिक रूप से कैविटी, प्लाक और अन्य मुँह के संक्रमणों को रोकने में मदद करता है।
एक प्राकृतिक कीट विकर्षक के रूप में
सूखे नीम के पत्तों का धुआँ मच्छरों और कीड़ों को दूर भगाता है।
नीम के पत्तों को अलमारी में रखने से नमी नहीं आती और कपड़े ताज़ा रहते हैं।

रक्त शर्करा नियंत्रण के लिए
सुबह 2-3 नीम के पत्ते चबाने से उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
इस उपाय को शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।
Disclaimer: This content has been sourced and edited from [TV9Hindi]
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