दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने भारत में विज्ञापन धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। गूगल ने अपनी Ad Safety Report 2024 में खुलासा किया है कि भारत में पिछले साल 29 लाख से ज्यादा एड अकाउंट सस्पेंड किए गए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने पॉलिसी के उल्लंघन के चलते 24.74 करोड़ से ज्यादा विज्ञापन प्लेटफॉर्म से हटा दिए हैं।
गूगल ने बताया कि स्कैम और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उसकी टीम ने AI और LLM तकनीक में 50 से ज्यादा सुधार किए हैं। इससे संदिग्ध विज्ञापनों और फ्रॉड कंटेंट की पहचान तेजी से और सटीकता से संभव हो पाई है।
ग्लोबल स्तर पर भी बड़ी कार्रवाईगूगल ने भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में भी फ्रॉड से जुड़े विज्ञापनों और अकाउंट्स पर सख्त एक्शन लिया है। रिपोर्ट के अनुसार:
- वैश्विक स्तर पर 5.1 अरब विज्ञापनों को ब्लॉक किया गया।
- करीब 3.92 करोड़ एड अकाउंट सस्पेंड किए गए।
- और लगभग 9.1 अरब विज्ञापनों पर बैन लगाया गया।
यह आंकड़े बताते हैं कि गूगल अब अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुका है।
एक्सपर्ट टीम और AI की साझेदारीगूगल की सेफ्टी पॉलिसी को लागू करने के लिए 100 से ज्यादा तकनीकी विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। इस पहल के तहत 7 लाख से ज्यादा एड अकाउंट्स को स्थायी रूप से सस्पेंड किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सेलेब्रिटीज के चेहरे का इस्तेमाल कर बनाए जा रहे फर्जी AI जनरेटेड विज्ञापनों में 90% तक की गिरावट आई है, जो बीते समय में साइबर ठगी का बड़ा जरिया बन चुके थे।
इन 5 पॉलिसी उल्लंघनों पर होगा तुंरत एक्शनगूगल की नई एड सेफ्टी पॉलिसी के मुताबिक अगर कोई विज्ञापन या अकाउंट इन 5 श्रेणियों का उल्लंघन करता है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी:
लोन, निवेश या बैंकिंग के फर्जी या गुमराह करने वाले ऑफर देना।
किसी ब्रांड का नाम, लोगो या प्रोडक्ट तस्वीर बिना अनुमति के इस्तेमाल करना।
गूगल के एड सिस्टम में हेराफेरी करना जैसे कि स्पैम या बॉट ट्रैफिक।
यूजर डेटा का अनैतिक या धोखाधड़ी के लिए दुरुपयोग करना।
गैरकानूनी बेटिंग, सट्टेबाजी एप्स या अनधिकृत गेमिंग प्लेटफॉर्म को प्रमोट करना।
गूगल की यह रिपोर्ट इस बात का इशारा है कि डिजिटल दुनिया में अब सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है। हालांकि गूगल फ्रॉड रोकने के लिए लगातार तकनीकी सुधार कर रहा है, लेकिन यूजर्स को भी अनजान विज्ञापनों पर क्लिक करने या संदिग्ध ऑफर्स पर भरोसा करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।