दोस्तो हिंदुओं के लिए भगवान हनुमान का बहुत ही महत्व है, जो बुरी नजर हटाने, शक्ति प्रदान करने वाले और रक्षा करने वाले भगवान हैं, प्राचीन शास्त्रों में हनुमान को अमर माना जाता है—अर्थात् वे मृत्यु की पहुँच से परे हैं। यह असाधारण गुण उनके जीवन भर देवी-देवताओं द्वारा उन्हें दिए गए अनेक दिव्य आशीर्वादों का परिणाम है। आइए जानते हैं आखिर क्यों यमराज हनुमान जी के प्राण नहीं ले पाते हैं-

1. माता सीता का वरदान
लंका दहन के बाद, जब हनुमान ने भगवान राम का संदेश माता सीता को दिया, तो माता सीता उनकी भक्ति और साहस से अत्यंत प्रसन्न हुईं। पुरस्कार स्वरूप, सीता ने हनुमान को अमरता का वरदान दिया, जिससे वे अजर और अजेय हो गए।
2. भगवान राम का वरदान:
जब भगवान राम ने पृथ्वी छोड़कर वैकुंठ लौटने का निश्चय किया, तो हनुमान ने हमेशा उनके साथ रहने की इच्छा व्यक्त की। प्रत्युत्तर में, भगवान राम ने हनुमान को अनंत जीवन का आशीर्वाद दिया, हनुमान सदैव पृथ्वी पर रहेंगे और भक्तों की सेवा और रक्षा करेंगे।
3. देवताओं से वरदान:
भगवान ब्रह्मा ने हनुमान को दीर्घायु, असाधारण बुद्धि और सभी अस्त्रों से प्रतिरोधक क्षमता प्रदान की।
देव इंद्र ने हनुमान को अपनी मृत्यु का समय स्वयं चुनने की शक्ति प्रदान की, जिससे वे तब तक अमर रहे जब तक वे अन्यथा निर्णय न लें।
सूर्य देव ने हनुमान को तेजस्वी तेज और अपार ज्ञान का वरदान दिया, जिससे उनकी दिव्य क्षमताएँ और भी बढ़ गईं।

4. भगवान शिव का आशीर्वाद:
पवन देव के पुत्र होने के नाते, हनुमान अपार दिव्य शक्ति के प्रतीक हैं। यह संबंध उन्हें मृत्यु के देवता यमराज के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखता है, जिससे उनकी अमरता और भी पुष्ट होती है।
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