बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों ने मोटापे को आम समस्या बना दिया है। लेकिन जब बात खासकर पेट की चर्बी की आती है, तो यह न सिर्फ दिखने में असहज लगती है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों की चेतावनी भी हो सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मोटापा अगर शरीर में विशेष रूप से पेट के आसपास जमा हो, तो यह हृदय रोग, मधुमेह, और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
तो आखिर ऐसा क्या हो रहा है, जो शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा यानी पेट, तेजी से बढ़ता जा रहा है? आइए जानते हैं वे 5 मुख्य कारण जो पेट की चर्बी के पीछे ज़िम्मेदार हैं।
1. गलत खानपान की आदतें
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, अत्यधिक शक्कर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार हमारी डाइट का हिस्सा बन चुके हैं।
कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड स्नैक्स, और फास्ट फूड का अधिक सेवन सीधा पेट के आसपास की चर्बी बढ़ाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर जब अधिक कैलोरी लेता है लेकिन खर्च नहीं कर पाता, तो वह चर्बी के रूप में पेट में जमा होने लगती है।
2. शारीरिक गतिविधि की कमी
वर्क फ्रॉम होम, डिजिटल डिवाइसेज और सुविधाजनक जीवनशैली ने लोगों की शारीरिक सक्रियता को सीमित कर दिया है।
घंटों बैठे रहना, बिना एक्सरसाइज के दिन बिताना पेट के आकार को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है।
शारीरिक निष्क्रियता न केवल वजन बढ़ाती है बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी धीमा करती है।
3. नींद की कमी या अनियमित नींद
रात को देर से सोना और सुबह जल्दी उठना या पर्याप्त नींद न लेना भी पेट की चर्बी बढ़ा सकता है।
कम नींद से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है, जो फैट को पेट में स्टोर करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है।
नींद की कमी से हंगर हॉर्मोन (ghrelin) बढ़ता है और फुलनेस हॉर्मोन (leptin) घटता है, जिससे बार-बार भूख लगती है।
4. तनाव और मानसिक असंतुलन
लगातार तनाव में रहना शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है।
तनाव के दौरान रिलीज़ होने वाला कोर्टिसोल हॉर्मोन पेट के आसपास फैट स्टोर करने की प्रक्रिया को तेज करता है।
तनाव में अक्सर लोग इमोशनल ईटिंग की ओर भी झुकते हैं, जिसमें वे जरूरत से ज्यादा खाते हैं, खासकर मीठा और तला-भुना।
5. हार्मोनल असंतुलन और उम्र का असर
उम्र बढ़ने के साथ शरीर के हार्मोन बदलते हैं, जिससे फैट का वितरण भी बदलने लगता है।
खासकर महिलाओं में रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद पेट की चर्बी बढ़ना सामान्य हो सकता है।
थायरॉयड, पीसीओडी और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी स्थितियां भी पेट की चर्बी बढ़ाने में योगदान देती हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ, का कहना है:
“पेट की चर्बी केवल शारीरिक बनावट की समस्या नहीं है, यह एक गंभीर हेल्थ रिस्क फैक्टर है। इसे नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन आवश्यक है।”
क्या करें?
हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें
चीनी और तला-भुना खाना कम करें
नींद पूरी करें (7–8 घंटे)
पानी भरपूर पिएं और समय पर भोजन करें
मानसिक तनाव को योग, मेडिटेशन से नियंत्रित करें
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