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चीन पहुंचे किम जोंग उन, पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति संग विक्ट्री परेड में दिखेगा नया गठजोड़

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उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन एक विशेष राजनयिक मिशन पर चीन पहुंच चुके हैं। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक राजनीति में महाशक्तियों के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, किम जोंग उन बीजिंग में आयोजित हो रही विक्ट्री परेड में हिस्सा लेंगे, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी भी मौजूद रहेंगे।

तीनों देशों के शीर्ष नेताओं का एक मंच पर आना न केवल प्रतीकात्मक महत्व रखता है, बल्कि यह आने वाले समय में नया वैश्विक ध्रुवीकरण दर्शा सकता है।

एक रणनीतिक मिलन

कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किम जोंग उन की यह यात्रा केवल परेड में भागीदारी तक सीमित नहीं है। यह कदम अमेरिका और पश्चिमी देशों को एक साफ संदेश देने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

चीन, रूस और ईरान—तीनों देश पहले ही पश्चिम की आलोचनाओं और प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। अब उत्तर कोरिया जैसे देश के साथ यह सामरिक मेलजोल एक “नवीन एंटी-वेस्टर्न ध्रुव” के रूप में उभर सकता है।

विक्ट्री परेड का महत्व

चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित हो रही विक्ट्री परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर विजय के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रही है। यह परेड न केवल सैन्य शक्ति प्रदर्शन का अवसर है, बल्कि यह वैश्विक गठबंधनों और राजनीतिक संदेशों का मंच भी बन गई है।

किम जोंग उन की इसमें उपस्थिति यह संकेत देती है कि एशिया में सामरिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।

पुतिन-किम की संभावित मुलाकात

सूत्रों की मानें तो परेड के इतर किम जोंग उन और व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हो सकती है। रूस और उत्तर कोरिया के बीच हाल के महीनों में नजदीकियां बढ़ी हैं, खासकर यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने सैन्य और रणनीतिक समर्थन के लिए एशियाई सहयोगियों की ओर रुख किया है।

उत्तर कोरिया के हथियारों और मिसाइल तकनीक में रुचि रखने वाले रूस के लिए यह साझेदारी रणनीतिक लाभ का सौदा हो सकती है।

पश्चिमी देशों की चिंता

अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए यह घटनाक्रम निश्चित रूप से चिंता का विषय है। अगर ये चारों देश—चीन, रू स, ईरान और उत्तर कोरिया—कूटनीतिक और सैन्य रूप से एकजुट होते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा समीकरण को बदल सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल “शक्ति प्रदर्शन” नहीं बल्कि “भविष्य की तैयारी” का संकेत भी हो सकता है।

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