नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लाल किले ब्लास्ट में रोजाना कोई न कोई खुलासा हो रहा है। इसी क्रम में आज लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए ब्लास्ट में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फरीदाबाद पुलिस ने खंदावली गांव के पास से संदिग्ध लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार (डीएल 10 सीके 0458) बरामद की। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली ब्लास्ट की जांच के लिए 10 अधिकारियों की एक विशेष टीम का गठन किया।
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 10 सदस्यीय विशेष टीम का नेतृत्व एनआईए के एडीजी विजय सखारे करेंगे। इसमें एक आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और बाकी डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। वहीं केंद्र सरकार ने भी दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी घटना घोषित कर दिया है।
इन सब घटनाक्रम के बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कब से दिल्ली ब्लास्ट ( Delhi Red Fort Blast ) की साजिश रची जा रही थी। कैसे 5 नवंबर आते-आते संदिग्ध आतंकियों पर दबाव बढ़ता चला गया और हरियाणा के फरीदाबाद में 8 से 10 नवंबर के बीच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी की बाद सारे रास्ते बंद हो गए थे जिसके चलते आतंकी डॉ. उमर नबी (Dr Umar Nabi) को लाल किले के पास हड़बड़ी में ब्लास्ट करना पड़ गया।
नीचे पढ़िए पूरी टाइमलाइन
दिल्ली ब्लास्ट को सरकार ने आतंकी घटना माना
मंत्रिमंडल की ओर से पारित प्रस्तावों में कहा गया कि देश ने सोमवार को लाल किले के पास राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दी गई एक जघन्य आतंकवादी घटना देखी है। इस विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मंत्रिमंडल हिंसा के इस जघन्य कृत्य के शिकार हुए पीड़ितों के प्रति गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।
मंत्रिमंडल सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता है और पीड़ितों की देखभाल और सहायता प्रदान करने वाले चिकित्सा कर्मियों और आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं के त्वरित प्रयासों की सराहना करता है। मंत्रिमंडल इस नृशंस कृत्य की घोर निंदा करता है, जिसके कारण निर्दोष लोगों की जान गई है। मंत्रिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराता है।
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 10 सदस्यीय विशेष टीम का नेतृत्व एनआईए के एडीजी विजय सखारे करेंगे। इसमें एक आईजी, दो डीआईजी, तीन एसपी और बाकी डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। वहीं केंद्र सरकार ने भी दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी घटना घोषित कर दिया है।
इन सब घटनाक्रम के बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कब से दिल्ली ब्लास्ट ( Delhi Red Fort Blast ) की साजिश रची जा रही थी। कैसे 5 नवंबर आते-आते संदिग्ध आतंकियों पर दबाव बढ़ता चला गया और हरियाणा के फरीदाबाद में 8 से 10 नवंबर के बीच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी की बाद सारे रास्ते बंद हो गए थे जिसके चलते आतंकी डॉ. उमर नबी (Dr Umar Nabi) को लाल किले के पास हड़बड़ी में ब्लास्ट करना पड़ गया।
नीचे पढ़िए पूरी टाइमलाइन
- इसकी शुरुआत 19 अक्टूबर को हुई, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस को श्रीनगर और नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के आपत्तिजनक पोस्टर मिले। पोस्टर मिलने के तुरंत बाद, मौलवी इरफान अहमद और जमीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया।
- 5 नवंबर को, एक अन्य संदिग्ध, अदील, जो एक डॉक्टर भी है, को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। दो दिन बाद, 8 नवंबर को, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के एक अस्पताल से एक एके-56 राइफल और विस्फोटक बरामद किए गए।
- हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान, मॉड्यूल में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में भी जानकारी मिली। इसके बाद अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया।
- अधिकारी ने आगे कहा कि सूचनाओं के आधार पर, और गिरफ्तारियां की गईं और बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। 10 नवंबर को, मेवात की ढेरा कॉलोनी स्थित अल-फलाह मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद इश्तियाक के घर से 2,563 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया। बाद में पुलिस ने आस-पास के परिसर से 358 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और टाइमर भी बरामद किए। कुल मिलाकर लगभग 3,000 किलोग्राम बम बनाने की सामग्री बरामद हुई।
- अब आतंकी डॉक्टर उमर नबी के ऊपर दबाव बढ़ने लगा फिर वह घबराहट में दिल्ली के लाल किला के पास जाकर विस्फोट कर दिया।
दिल्ली ब्लास्ट को सरकार ने आतंकी घटना माना
मंत्रिमंडल की ओर से पारित प्रस्तावों में कहा गया कि देश ने सोमवार को लाल किले के पास राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दी गई एक जघन्य आतंकवादी घटना देखी है। इस विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मंत्रिमंडल हिंसा के इस जघन्य कृत्य के शिकार हुए पीड़ितों के प्रति गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।
मंत्रिमंडल सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता है और पीड़ितों की देखभाल और सहायता प्रदान करने वाले चिकित्सा कर्मियों और आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं के त्वरित प्रयासों की सराहना करता है। मंत्रिमंडल इस नृशंस कृत्य की घोर निंदा करता है, जिसके कारण निर्दोष लोगों की जान गई है। मंत्रिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराता है।
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