जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर से महज तीन दिन की नवजात बच्ची को एयर लिफ्ट करने का रिकॉर्ड बनाया गया है। दरअसल जबलपुर के एक अस्पताल में जन्में जुड़वा बच्चों में बच्ची के दिल में छेद था। स्वास्थ्य विभाग ने उसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के नारायणा अस्पताल भेजा है। गुरुवार दोपहर को नवजात लाड़ली को एयर एंबुलेंस के माध्यम से रवाना किया गया।
जबलपुर में जन्मी नवजात बच्ची के दिल में छेद होने की खबर मिलते ही मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने जो तत्परता दिखाई, वह एक मिसाल बन गई। जबलपुर के सिहोरा में जन्मी और दिल में छेद वाली इस तीन दिन की बच्ची को बेहतर इलाज के लिए गुरुवार को एयर एम्बुलेंस के ज़रिए मुंबई भेजा गया। प्रदेश में पहली बार इतने छोटे शिशु को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया है।
दिल्ली से आई एयर एंबुलेंस, मुंबई पहुंचाया
नवजात बच्ची को गुरुवार दोपहर दिल्ली से आई एयर एम्बुलेंस से मुंबई के नारायणा अस्पताल में सर्जरी के लिए भेजा गया, जहाँ चिकित्सकों और सपोर्टिंग स्टाफ ने नवजात को विदाई दी। बच्ची के मुंबई पहुंचने के बाद उसे नारायणा अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। बता दें कि उसके इलाज का पूरा खर्चा मप्र सरकार उठाएगी।
गुरुनानक जयंती की छुट्टी में खुला ऑफिस
जानकारी अनुसार सिहोरा निवासी सत्येंद्र और शशि दहिया के घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था, जिनमें से बच्ची के दिल में छेद पाया गया। डॉक्टरों ने 'जल्द इलाज न मिला तो जान जा सकती है' की चेतावनी दी, जिसके बाद बच्ची के पिता ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत मदद मांगी। मानवता का परिचय देते हुए, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को गुरुनानक जयंती की छुट्टी के दिन ही RBSK का ऑफिस खोला और महज डेढ़ घंटे के भीतर कागज़ी प्रक्रिया पूरी की। सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा स्वयं कार्यालय पहुंचे और दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए। डॉ. विनीता उप्पल और श्रेय अवस्थी ने एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की।
जबलपुर में जन्मी नवजात बच्ची के दिल में छेद होने की खबर मिलते ही मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने जो तत्परता दिखाई, वह एक मिसाल बन गई। जबलपुर के सिहोरा में जन्मी और दिल में छेद वाली इस तीन दिन की बच्ची को बेहतर इलाज के लिए गुरुवार को एयर एम्बुलेंस के ज़रिए मुंबई भेजा गया। प्रदेश में पहली बार इतने छोटे शिशु को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया है।
दिल्ली से आई एयर एंबुलेंस, मुंबई पहुंचाया
नवजात बच्ची को गुरुवार दोपहर दिल्ली से आई एयर एम्बुलेंस से मुंबई के नारायणा अस्पताल में सर्जरी के लिए भेजा गया, जहाँ चिकित्सकों और सपोर्टिंग स्टाफ ने नवजात को विदाई दी। बच्ची के मुंबई पहुंचने के बाद उसे नारायणा अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। बता दें कि उसके इलाज का पूरा खर्चा मप्र सरकार उठाएगी।
गुरुनानक जयंती की छुट्टी में खुला ऑफिस
जानकारी अनुसार सिहोरा निवासी सत्येंद्र और शशि दहिया के घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था, जिनमें से बच्ची के दिल में छेद पाया गया। डॉक्टरों ने 'जल्द इलाज न मिला तो जान जा सकती है' की चेतावनी दी, जिसके बाद बच्ची के पिता ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत मदद मांगी। मानवता का परिचय देते हुए, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को गुरुनानक जयंती की छुट्टी के दिन ही RBSK का ऑफिस खोला और महज डेढ़ घंटे के भीतर कागज़ी प्रक्रिया पूरी की। सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा स्वयं कार्यालय पहुंचे और दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए। डॉ. विनीता उप्पल और श्रेय अवस्थी ने एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की।
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