मुंबई: 26/11 आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा आने वाले दिनों में मुंबई लाया जा सकता है। फिलहाल एनआईए उससे दिल्ली में पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार, मुंबई लाने पर राणा का सामना उन संदिग्धों से कराया जा सकता है, जिनकी मदद से राणा ने यहां आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इनमें वे स्लीपर सेल के लोग हैं, जिनके जरिए राणा का नेटवर्क आईएसआई के लिए काम करता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणा से जुड़े जिस ‘बी’ कोड की चर्चा मीडिया में हो रही है, वह कोई और नहीं, बल्कि उसका खास आदमी ‘बशीर’ है। अधिकारी का दावा क्या?इस अधिकारी का दावा है कि स्लीपर सेल का सक्रिय सदस्य बशीर ही वह आदमी है, जिसने हेडली के मुंबई आने पर उसकी एयरपोर्ट पर सबसे पहले मदद की थी। बशीर ने ही हेडली को भारतीय पहचान पत्र, भाड़े का घर और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई थीं। इसलिए एनआईए की टीम राणा के जरिए बी कोड या बशीर तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। वर्तमान में बशीर की सक्रियता किन इलाकों में है, यह तो साफ नहीं हो रहा है। लेकिन 2006 से 2008 तक उसकी मौजूदगी कुर्ला में देखी गई थी। वर्चुअल पेशी की तैयारियों में जुटा जेल प्रशासनअपराध शाखा से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि राणा को अगर मुंबई लाया जाता है, तो उसको ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। यहां से उसको गोपनीय तरीके से उन जगहों की रेकी भी कराई जा सकती है, जहां आतंकी हमले हुए थे और जिन जगहों से आतंकी हमलों के सबूत जांच अधिकारियों ने जुटाए थे। यहां ऑर्थर रोड जेल के बैरक संख्या 12 का भी मुआयना किया जा रहा है, जो कुख्यात आंतकियों व अपराधियों के लिए रिजर्व है। यहीं पर कसाब को भी रखा गया था, जो कथित तौर पर अंडा सेल के नाम से भी जाना जाता है। इसको लेकर मुंबई पुलिस के आला अधिकारी और जेल प्रशासन की बैठकें हो चुकी हैं। वर्चुअल पेशी कैसे हो?राणा की गिरफ्तारी व प्रत्यर्पण कर भारत लाने के बाद से इन बैरकों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। यहां सीसीटीवी कैमरे से लेकर सुरक्षा के अन्य उपकरणों की जांच व्यवस्था में जेल प्रशासन जुट गई है। वर्चुअल पेशी कैसे हो? सुरक्षित माहौल में इंटरनेट की पहुंच जेल के अंदरूनी परिसर में कैसे सुनिश्चित हो, इसके लिए भी माथापच्ची जारी है। रोजाना औसतन 8 घंटे पूछताछआशंका है कि वर्चुअल पेशी के दौरान डिजिटल व्यवस्था पर साइबर अटैक या अन्य प्रकार के हमले न हो जाएं, कोई अहम डाटा न लीक करने का प्रयास किया जाए, इन तमाम पहलुओं की समीक्षा आला अधिकारी साइबर एक्सपर्ट की मदद से करने में जुटी है। हालांकि, राणा को दिल्ली से मुंबई कब लाया जाएगा, यह तय नहीं हुआ है। फिलहाल, वह एनआईए की 18 दिनों की कस्टडी में है, जहां उससे मुंबई हमले समेत देश के खिलाफ आंतकी साजिश रचने व अंजाम देने के बारे में रोजाना औसतन 8 घंटे पूछताछ की जा रही है।
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