आज AI के दौर में कह पाना मुश्किल है कि क्या सच है और क्या नही। इसके नुकसान भी अब दिखने लगे हैं। दरअसल इंटरनेट पर दावा किया जा रहा है कि लोग AI से फोटो बदलकर खाना डिलीवर करने वाली ऐप्स को चूना लगा रहे हैं। इससे जुड़े एक पोस्ट में दिखाया गया है कि AI की मदद से बर्गर की तस्वीर को एक खराब या अधपके बर्गर की तस्वीर से बदलकर, खाना डिलीवर करने वाली कंपनी से पैसे वापस मांगे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह मामला अमेरिका की DoorDash नाम की फूड डिलीवर करने वाली कंपनी से जुड़ा है। इसे आप अमेरिका की जोमैटो या स्विगी जैसी खाना डिलीवर करने वाली कंपनी समझ सकते हैं। इसकी मदद से लोग ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते हैं।
क्या है मामला?लोगों ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों को चूना लगाने का आसान तरीका खोज निकाला है। AI के जरिए खाने की तस्वीर को बदलकर लोग फूड डिलीवरी कंपनियों से अपने पैसे वापस मांग रहे हैं। इसे लेकर X पर King Sukuna नाम के अकाउंट से पोस्ट भी किया गया है। AI के बढ़ते इस्तेमाल और आसान उपलब्धता के चलते, लोगों के लिए ऐसा कर पाना काफी आसान हो गया है। यह मामला अमेरिका की DoorDash नाम की फूड डिलीवरी कंपनी से जुड़ा है, जो कि वहां फूड ऑर्डर और डिलीवर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इस तरह की कंपनियां खाने में किसी तरह की समस्या होने पर ग्राहक से फोटो या वीडियो जैसे सबूत मांगती हैं और अगर फोटो या वीडियो से खाने की समस्या स्पष्ट हो जाए, तो यह ग्राहक को रिफंड भी उपलब्ध कराती हैं। हालांकि अब लोगों ने AI को इस्तेमाल कर इन कंपनियों को चूना लगाना शुरू कर दिया है।
AI ने आसान कर दी एडिटिंगAI के आने से पहले तक तस्वीरों से छेड़छाड़ कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती थी। इसके लिए फोटो एडिटिंग से जुडे खास सॉफ्टवेयर्स की जानकारी होना जरूरी होता था। अब जैसे-जैसे AI का इस्तेमाल बढ़ने लगा है वैसे-वैसे इसकी क्षमताओं के गलत इस्तेमाल के उदाहरण सामने आने लगे हैं। AI के जरिए किसी भी तस्वीर में बारीक से बारीक बदलाव सिर्फ बोलकर या लिखकर किए जा सकते हैं। मसलन एक पूरी तरह से ठीक बर्गर की तस्वीर को AI चैटबॉट पर अपलोड कर उसे खराब या आधे पके हुए बर्गर के रूप में बदला जा सकता है। AI के जरिए होने वाली एडिटिंग के बाद असली और नकली तस्वीर में फर्क कर पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
AI को लेकर बन रहे नियमअब जब AI के गलत इस्तेमाल के मामले सामने आने लगे हैं, तो कई देश AI से बनाए जाने वाले कंटेंट की पहचान को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसे लेकर यूरोपियन यूनियन ने AI एक्ट भी पास किया है, जिसमें AI से जेनरेट किसी भी फोटो या वीडियो को साफ-साफ लेबल करना जरूरी होगा। वहीं अमेरिका के भी कुछ राज्यों ने AI जेनरेटेड कंटेंट से निपटने के लिए कानून बनाए हैं। Google, Meta और OpenAi जैसी कंपनियां अब अपने AI द्वारा बनाए कंटेंट में डिजिटल वॉटरमार्क और मेटाडेटा जोड़ रही हैं, ताकि उनकी पहचान आसानी से की जा सके। भारत सरकार भी AI कंटेंट की पहचान को आसान बनाने की दिशा काम कर रही है।
क्या है मामला?लोगों ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों को चूना लगाने का आसान तरीका खोज निकाला है। AI के जरिए खाने की तस्वीर को बदलकर लोग फूड डिलीवरी कंपनियों से अपने पैसे वापस मांग रहे हैं। इसे लेकर X पर King Sukuna नाम के अकाउंट से पोस्ट भी किया गया है। AI के बढ़ते इस्तेमाल और आसान उपलब्धता के चलते, लोगों के लिए ऐसा कर पाना काफी आसान हो गया है। यह मामला अमेरिका की DoorDash नाम की फूड डिलीवरी कंपनी से जुड़ा है, जो कि वहां फूड ऑर्डर और डिलीवर करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। इस तरह की कंपनियां खाने में किसी तरह की समस्या होने पर ग्राहक से फोटो या वीडियो जैसे सबूत मांगती हैं और अगर फोटो या वीडियो से खाने की समस्या स्पष्ट हो जाए, तो यह ग्राहक को रिफंड भी उपलब्ध कराती हैं। हालांकि अब लोगों ने AI को इस्तेमाल कर इन कंपनियों को चूना लगाना शुरू कर दिया है।
Editing my pictures so I can get my money back on DoorDash 🤝🏾 pic.twitter.com/lLLqB4rJWI
— 𝐊𝐢𝐧𝐠 𝐒𝐮𝐤𝐮𝐧𝐚 ☢ (@King_Sukunaaa) April 4, 2025
AI ने आसान कर दी एडिटिंगAI के आने से पहले तक तस्वीरों से छेड़छाड़ कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती थी। इसके लिए फोटो एडिटिंग से जुडे खास सॉफ्टवेयर्स की जानकारी होना जरूरी होता था। अब जैसे-जैसे AI का इस्तेमाल बढ़ने लगा है वैसे-वैसे इसकी क्षमताओं के गलत इस्तेमाल के उदाहरण सामने आने लगे हैं। AI के जरिए किसी भी तस्वीर में बारीक से बारीक बदलाव सिर्फ बोलकर या लिखकर किए जा सकते हैं। मसलन एक पूरी तरह से ठीक बर्गर की तस्वीर को AI चैटबॉट पर अपलोड कर उसे खराब या आधे पके हुए बर्गर के रूप में बदला जा सकता है। AI के जरिए होने वाली एडिटिंग के बाद असली और नकली तस्वीर में फर्क कर पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
AI को लेकर बन रहे नियमअब जब AI के गलत इस्तेमाल के मामले सामने आने लगे हैं, तो कई देश AI से बनाए जाने वाले कंटेंट की पहचान को आसान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसे लेकर यूरोपियन यूनियन ने AI एक्ट भी पास किया है, जिसमें AI से जेनरेट किसी भी फोटो या वीडियो को साफ-साफ लेबल करना जरूरी होगा। वहीं अमेरिका के भी कुछ राज्यों ने AI जेनरेटेड कंटेंट से निपटने के लिए कानून बनाए हैं। Google, Meta और OpenAi जैसी कंपनियां अब अपने AI द्वारा बनाए कंटेंट में डिजिटल वॉटरमार्क और मेटाडेटा जोड़ रही हैं, ताकि उनकी पहचान आसानी से की जा सके। भारत सरकार भी AI कंटेंट की पहचान को आसान बनाने की दिशा काम कर रही है।
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