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उस शाम गुलशन कुमार बेडरूम में गुनगुना रहे थे भोजपुरी गाना, समीर ने पकड़ी एक लाइन और लिख डाला सुपर-डुपर हिट गीत

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नब्‍बे का दशक, गीत-संगीत के लिहाज से हिंदी सिनेमा का एक अद्भुत दौर था। आज की फिल्‍मों के गाने जहां दो-तीन हफ्तों बाद दिल-दिमाग और जुबान, तीनों से उतर जाते हैं, वहीं उस वक्‍त के ऐसे सैकड़ों गाने हैं, जो आज भी बजते हैं तो तन और मन झूमने लगता है। कुमार सानू, सोनू निगम, शान, अलका याग्‍न‍िक, कविता कृष्‍णमूर्ति की दिलकश आवाज... आनंद-मिलिंद, नदीम-श्रवण, जतिन-ललित जैसे संगीतकारों की एक से बढ़कर धुन। ये वो दौर था, जब लगभग हर दूसरी फिल्‍म के गीत समीर अनजान की कलम से निकलते थे। आज हम 90 के दशक के एक ऐसे ही सुपर-डुपर हिट गाने के बनने की मजेदार कहानी बताने जा रहे हैं। ऐसा गाना, जो ना सिर्फ बंपर हिट बना, बल्‍क‍ि हर दीवाना अपनी महबूबा की तारीफ और इश्‍क का इजहार करने के लिए इसका इस्‍तेमाल करने लगा। गोविंदा और रवीना टंडन की जोड़ी ने इस गाने में ऐसा रंग जमाया कि असर आज भी बा दस्‍तूर है। वैसे, मजेदार बात ये भी है कि इस गाने का आइडिया एक 'भोजपुरी लोकगीत' से निकलकर आया था।

इससे पहले कि हम गाने पर बात शुरू करें, बनारस में पैदा हुए समीर अनजान के बारे में आज के दौर के पाठकों को भी बताना जरूरी है। समीर अनजान का नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज है। उन्‍हें 'सबसे सफल बॉलीवुड गीतकार' के रूप में मान्यता दी गई है। साल 1983 में गीतकार के तौर पर करियर शुरू करने वाले समीर ने 15 दिसंबर 2015 तक अविश्वसनीय रूप से 3,524 गीतों की रचना की थी। आज की तारीख में यह संख्‍या इससे कहीं अध‍िक है। लेकिन 1997 की वह शाम कुछ अलग थी। समीर साहब को गीत तो लिखना था, लेकिन कुछ मजेदार सूझ नहीं रहा था।

'दूल्‍हे राजा' का सुपरहिट सॉन्‍ग 'अंख‍ियों से गोली मारे'

इससे पहले कि आप और पहेलियां बुझाएं, बता देते हैं कि हम बात कर रहे हैं फिल्‍म 'दूल्‍हे राजा' के गाने 'अंख‍ियों से गोली मारे' की। साल 1998 की इस सुपरहिट फिल्‍म के डायरेक्‍टर हरमेश मल्होत्रा हैं। गुलशन कुमार की 'टी-सीरीज' के बैनर तले इसका म्यूजिक लॉन्‍च हुआ है। आनंद-मिलिंद की सदाबहार जोड़ी ने इसमें संगीत दिया है। उस दौर में 5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्‍म ने बॉक्‍स ऑफिस पर 22 करोड़ रुपये कमाए थे।

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समीर को लिखना था जोशीला, तड़कता-भड़कता गाना
खैर, वापस 'अंख‍ियों से गोली मारे' गीत पर लौटते हैं। तो बात कुछ यूं हुई कि समीर साहब को एक मजेदार गाना लिखने के लिए कहा गया। गोविंदा और रवीना टंडन की सुपरहिट जोड़ी को देखते हुए एक तड़कता-भड़कता, चुटीला गीत लिखना था, जिसे प्‍यार तो हो ही, थ‍िरकने का भी मन करे। समीर अनजान कागज-कलम लेकर काफी देर से मशक्‍कत कर रहे थे, लेकिन बात नहीं बन रही थी। तब लगे हाथ गुलशन कुमार ने समीर को एक भोजपुरी लोकगीत गुनगुनाकर सुनाया।

गुलशन कुमार ने समीर को घर बुलाया, बेडरूम में आने को कहा
गीतकार समीर ने एक इंटरव्‍यू में इस वाकये का जिक्र किया। उन्‍होंने बताया कि गुलशन कुमार ने उन्हें एक शाम अपने मुंबई स्थित घर पर बुलाया था। समीर बोले, 'उन्होंने मुझे अपने बेडरूम के एक कोने में बैठने के लिए कहा और फिर हमारी चर्चा शुरू हुई। इस बीच उन्होंने धीरे से एक लोकगीत गाकर सुनाया - 'जब से सिपाही से भइले हवलदार, नथुनिया से गोली मारे सइयां हमार...' यह एक भोजपुरी लोकगीत था, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार की अपनी यात्राओं के दौरान सुना था। उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा- इसमें से कुछ जादुई बनाओ।'

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समीर ने पकड़ी भोजपुरी लोकगीत की वो लाइन
समीर आगे बताते हैं कि उनके लिए लोकगीत की वो एक लाइन काफी थी। उन्‍होंने म्यूजिक डायरेक्‍टर जोड़ी आनंद-मिलिंद के साथ मिलकर लोकगीत से प्रेरणा लेते हुए एक जोशीला रोमांटिक गाना बना दिया। समीर ने बताया, 'हमने रातभर काम किया। जैसे ही हमें 'अंखियों से गोली मारे' की हुक लाइन मिली, हमें पता चल गया कि यह गाना जरूर आएगा और छा जाएगा।'

अल्‍ताफ राजा को मिला था गाने का ऑफर, पर फिर....
इस गाने से जुड़ा एक और दिलचस्‍प वाकया है। समीर बताते हैं कि यह गाना पहले सिंगर अल्ताफ राजा को ऑफर किया गया था। उन दिनों फिल्‍म 'राजा हिंदुस्‍तानी' से अल्‍ताफ का गाना 'तुम तो ठहरे परदेसी' हर किसी की जुबान पर था। ऐसे में जब 'दूल्‍हे राजा' के इस जोश से भरे रोमांटिक गाने की बात आई तो अल्‍ताफ राजा का भी नाम आया। लेकिन जब सिंगर के सेक्रेटरी से बात की गई, तो उसने इस गाने के लिए 1 लाख रुपये की फीस मांग ली। यह मोटी रकम थी। तब मेकर्स की टीम ने सोनू निगम की ओर रुख किया।

यहां देख‍िए, 'अंख‍ियों से गोली मारे' वीड‍ियो सॉन्‍ग

अल्‍ताफ राजा को हुआ था बाद में पछतावा
समीर अनजान आख‍िर में कहते हैं, 'सोनू ने इस गाने को क्‍या खूबसूरती से गाया। गाना फिल्‍म की रिलीज से पहले ही सुपरहिट हो गया। बाद में, अल्ताफ राजा को इसका बहुत पछतावा भी हुआ।'

हरमेश मल्होत्रा ने फिर इसी नाम से फिल्‍म भी नहीं
फिल्‍म के डायरेक्‍टर-प्रोड्यूसर हरमेश मल्होत्रा ने इस गाने की सफलता को भुनाते हुए 2022 में इसी नाम 'अंखियों से गोली मारे' से एक अलग फिल्म भी बनाई। लेकिन अफसोस कि वह बॉक्‍स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। हरमेश ने 2005 में गोविंदा और प्रीति जिंटा के साथ फिल्‍म 'खुल्‍लम खुल्‍ला प्‍यार करें' भी बनाई थी। इसके बाद वह फिल्‍ममेकिंग से दूर हो गए। यह फिल्‍म भी फ्लॉप साबित हुई थी।

'बगलवाली आंख मारे' गाने का नहीं चला जादू
मजेदार बात यह है कि हरमेश मल्‍होत्रा ने 'अंख‍ियों से गोली गारे' फिल्‍म में मनोज तिवारी के भोजपुरी गीत 'बगलवाली जान मारले' से प्रेरित होकर 'बगलवाली आंख मारे' गाना भी डाला, जिसे उदित नारायण और जसपिंदर नरूला ने गाया था।
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