पटना: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों के जवाब देने चाहिए। उन्होंने मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी सार्वजनिक करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे पता चल सकेगा कि किसी व्यक्ति का नाम कई बार तो नहीं लिखा गया है।
दिग्विजय सिंह ने यह बात रविवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' की सफलता पर लिखी एक किताब के लॉन्च के दौरान कही। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि उन्हें देश की मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी क्यों नहीं दी जा रही है। वे यह जांचना चाहते हैं कि कहीं किसी व्यक्ति का नाम एक से ज़्यादा बार या अलग-अलग पहचान के साथ तो दर्ज नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस तो कर रहा है, लेकिन राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों का जवाब नहीं दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में बिना किसी सही कारण के लाखों मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं। लेकिन चुनाव आयोग इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि अगर कुछ गलत नहीं है, तो सभी वोटर्स की लिस्ट की सॉफ्ट कॉपी क्यों नहीं दिखाई जा रही है? उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शुरू हुई 'वोटर अधिकार यात्रा' की तुलना महात्मा गांधी के नमक आंदोलन से की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार को हटाने के लिए नमक आंदोलन शुरू किया था।
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है, लेकिन उसे राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देना चाहिए।' मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया था कि बिहार में मसौदा सूची से बाहर हुए 65 लाख वोटरों के नाम जिलों की वेबसाइट पर जारी कर दी गई।
दिग्विजय सिंह ने यह बात रविवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' की सफलता पर लिखी एक किताब के लॉन्च के दौरान कही। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि उन्हें देश की मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी क्यों नहीं दी जा रही है। वे यह जांचना चाहते हैं कि कहीं किसी व्यक्ति का नाम एक से ज़्यादा बार या अलग-अलग पहचान के साथ तो दर्ज नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस तो कर रहा है, लेकिन राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों का जवाब नहीं दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में बिना किसी सही कारण के लाखों मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं। लेकिन चुनाव आयोग इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि अगर कुछ गलत नहीं है, तो सभी वोटर्स की लिस्ट की सॉफ्ट कॉपी क्यों नहीं दिखाई जा रही है? उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शुरू हुई 'वोटर अधिकार यात्रा' की तुलना महात्मा गांधी के नमक आंदोलन से की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार को हटाने के लिए नमक आंदोलन शुरू किया था।
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है, लेकिन उसे राहुल गांधी और विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देना चाहिए।' मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया था कि बिहार में मसौदा सूची से बाहर हुए 65 लाख वोटरों के नाम जिलों की वेबसाइट पर जारी कर दी गई।
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