पटना: हरियाणा के पानीपत जिले में सरपंच चुनाव के एक नतीजे पर तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी को घेर लिया है। तेजस्वी ने इसे ईवीएम की चुनावी गड़बड़ी का सबूत बताया है। हारे हुए उम्मीदवार की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम खुलवाकर गिनती की गई। इसमें जो नतीजा आया वो चौंकाने वाला था।
तेजस्वी ने उठाया बड़ा मुद्दा
तेजस्वी यादव ने एक अखबार की फोटो X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'ये खबर आपको हिंदी अखबारों में नहीं मिलेगी? हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM काउंटिंग में एक बूथ में उम्मीदवार को जबरन हरा दिया। हारा हुआ प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में वीडियोग्राफी के साथ सभी बूथों की EVM की गिनती हुई। हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल EVM की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा। एक बूथ की ईवीएम का यह हाल है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कैसे धांधली करके बीजेपी ने बीजेपी को जिताया जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज किया।
तेजस्वी ने केंद्र को घेरा
तेजस्वी ने आगे लिखा कि 'उसके बाद बीजेपी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग रखने के नियम बदल दिए। अब 45 दिन के बाद चुनाव आयोग आपको गिनती का वीडियो नहीं देगा। जब बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर साक्ष्य को खत्म कर देगी तो आप कोर्ट में सबूत क्या रखेंगे? ये लोग लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है इसलिए लोकतंत्र में ये दो लोग पारदर्शिता नहीं चाहते। बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है। चाहे जो भी हो, हम संविधान और लोकतंत्र को मोदी-शाह के जूतों तले कुचलने नहीं दे सकते। आप सभी लोग सतर्क, सावधान और जागरूक रहें।'
जानिए पूरा मामला
यह मामला 2022 के सरपंच चुनाव का है। दरअसल हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखू ग्राम पंचायत का चुनाव हुआ था। इसमें कुलदीप सिंह को जीता हुआ घोषित किया गया था। इसके बाद हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार ने चुनाव के नतीजों को चुनौती दी। इस मामले में न्यायाधिकरण ने 22 अप्रैल, 2025 को बूथ संख्या 69 पर रीकाउंटिंग का आदेश दिया। इसे 7 मई को कराया जाना था। लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जुलाई 2025 को इस आदेश को रद्द कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हारा हुआ उम्मीदवार
इसके बाद मोहित सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और याचिका दायर की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिर से वोटों की गिनती का आदेश दिया। दोबारा की गई इस गिनती में फिर से ईवीएम खुलवाया गया। गिनती की बकायदा वीडियोग्राफी भी कराई गई। गिनती के दौरान दोनों प्रत्याशी भी मौजूद थे।
जीत गया हारा हुआ उम्मीदवार
इसके बाद जब नतीजा आया तो वो चौंकाने वाला था। हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार को कोर्ट के आदेश के बाद हुई ईवीएम में वोटों की गिनती के बाद विजयी घोषित किया गया। सबसे बड़ी बात ये कि ईवीएम को सुप्रीम कोर्ट में लाकर उसके अंदर मौजूद वोटों की गिनती कराई गई। ये रजिस्ट्रार की निगरानी में हुआ। इस दौरान 3,767 वोटों में से मोहित कुमार को 1,051 वोट मिले, जबकि कुलदीप सिंह को 1,000 वोट ही मिले।
तेजस्वी ने उठाया बड़ा मुद्दा
तेजस्वी यादव ने एक अखबार की फोटो X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'ये खबर आपको हिंदी अखबारों में नहीं मिलेगी? हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM काउंटिंग में एक बूथ में उम्मीदवार को जबरन हरा दिया। हारा हुआ प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में वीडियोग्राफी के साथ सभी बूथों की EVM की गिनती हुई। हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल EVM की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा। एक बूथ की ईवीएम का यह हाल है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कैसे धांधली करके बीजेपी ने बीजेपी को जिताया जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज किया।
ये खबर आपको हिंदी अख़बारों में नहीं मिलेगी?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 14, 2025
हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM काउंटिंग में एक बूथ में उम्मीदवार को जबरन हरा दिया। हारा हुआ प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट पहुँचा।
सुप्रीम कोर्ट में वीडियोग्राफी के साथ सभी बूथों की EVM की गिनती हुई। हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया लेकिन… pic.twitter.com/OhzlEyc1Pt
तेजस्वी ने केंद्र को घेरा
तेजस्वी ने आगे लिखा कि 'उसके बाद बीजेपी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग रखने के नियम बदल दिए। अब 45 दिन के बाद चुनाव आयोग आपको गिनती का वीडियो नहीं देगा। जब बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर साक्ष्य को खत्म कर देगी तो आप कोर्ट में सबूत क्या रखेंगे? ये लोग लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है इसलिए लोकतंत्र में ये दो लोग पारदर्शिता नहीं चाहते। बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है। चाहे जो भी हो, हम संविधान और लोकतंत्र को मोदी-शाह के जूतों तले कुचलने नहीं दे सकते। आप सभी लोग सतर्क, सावधान और जागरूक रहें।'
जानिए पूरा मामला
यह मामला 2022 के सरपंच चुनाव का है। दरअसल हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखू ग्राम पंचायत का चुनाव हुआ था। इसमें कुलदीप सिंह को जीता हुआ घोषित किया गया था। इसके बाद हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार ने चुनाव के नतीजों को चुनौती दी। इस मामले में न्यायाधिकरण ने 22 अप्रैल, 2025 को बूथ संख्या 69 पर रीकाउंटिंग का आदेश दिया। इसे 7 मई को कराया जाना था। लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जुलाई 2025 को इस आदेश को रद्द कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हारा हुआ उम्मीदवार
इसके बाद मोहित सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और याचिका दायर की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिर से वोटों की गिनती का आदेश दिया। दोबारा की गई इस गिनती में फिर से ईवीएम खुलवाया गया। गिनती की बकायदा वीडियोग्राफी भी कराई गई। गिनती के दौरान दोनों प्रत्याशी भी मौजूद थे।
जीत गया हारा हुआ उम्मीदवार
इसके बाद जब नतीजा आया तो वो चौंकाने वाला था। हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार को कोर्ट के आदेश के बाद हुई ईवीएम में वोटों की गिनती के बाद विजयी घोषित किया गया। सबसे बड़ी बात ये कि ईवीएम को सुप्रीम कोर्ट में लाकर उसके अंदर मौजूद वोटों की गिनती कराई गई। ये रजिस्ट्रार की निगरानी में हुआ। इस दौरान 3,767 वोटों में से मोहित कुमार को 1,051 वोट मिले, जबकि कुलदीप सिंह को 1,000 वोट ही मिले।
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