गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। सूरज अपना प्रचंड रूप दिखा रहा है लगातार तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही है। देश के कई हिस्सों में इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है। लगातार बढ़ती गर्मी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। हीटवेव को लेकर कई शहरों में अलर्ट भी जारी किया गया है। लेकिन, 25 मई से सूर्य तेजी से आग उगलना शुरू करने वाले हैं। अगले 9 दिन भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिलेगा। वैदिक ज्योतिष में इन 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में विधान है कि जब नौतपा में गर्मी ज्यादा पड़ती है तो इस वर्ष बारिश भी अच्छी होती है और यदि इन 9 दिन गर्मी कम होती है तो इस साल अच्छी बरसात नहीं होती है। तो आइए जानते हैं नौतपा में इस बार कब गर्मी से राहत मिलेगी। साथ ही जानें इन 9 दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं। कब मिलेगी नौतपा से राहत?नौतपा 25 मई से आरंभ होकर 2 जून को समाप्त होगा। यानी यह 9 दिन सबसे गर्म दिन माने जाएंगे। हालांकि, इस बार गर्मी का प्रकोप 28 जुलाई तक झेलना पड़ेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इन दिनों में चंद्रमा की शीतलता कम हो जाती है जिस वजह से 9 दिन भयंकर गर्मी होती है लेकिन, इस बार 6 जून से मंगल सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है और मंगल खुद अग्नि तत्व ग्रह है। साथ ही इस दौरान सिंह राशि में केतु भी विराजमान रहेंगे। ऐसे में केतु और मंगल साथ होने से नौतपा समाप्त होने के बाद भी राहत नहीं मिलेगी। केतु और मंगल की युति 28 जुलाई तक रहेंगे। जिस दौरान प्रचंड गर्मी पड़ेगी इसके बाद ही गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। राहत की ज्यादा उम्मीद 28 जुलाई के बाद ही है जब मंगल सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। ऐसे करें सूर्यदेव के प्रभाव को कमबता दें कि नौतपा के दौरान सूर्यदेव धरती के बेहद करीब आ जाते हैं। ऐसा महसूस होता है की मानो आसमान से आग बरस रही हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों में सूर्यदेव को रोजाना जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्यदेव के प्रभावों में थोड़ी कमी आती है। साथ ही इन दिनों कुछ बातों का विशेष ख्याल भी रखना बेहद जरुरी है। जानें नौतपा के दौरान क्या करें क्या न करें। गर्मी को लेकर विष्णु पुराण की भविष्यवाणी लगातार बढ़ती गर्मी के पीछे विष्णु पुराण में भी कुछ भविष्यवाणी की गई है। विष्णु पुराण के अनुसार, धरती का अंत जल प्रलय से होगा। लेकिन, उससे पहले बढ़ती गर्मी धरती को विनाश की ओर ले जाएगी। विष्णु पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु सूर्य की सतरंगी किरणों में समा जाएंगे तब गर्मी का स्तर अधिक बढ़ जाएगा। लोग बूंद बूंद के लिए तरस जाएंगे और खेत पेड़ सब नष्ट हो जाएगा। लोग बरसात के लिए तरसने लगेंगे। बरसात की एक बूंद के लिए लोग तरस जाएंगे। गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाएगी। इसके बाद इतनी बारिश होगी की फिर जल प्रलय आएगी और धरती का विनाश जल से ही होगा। नौतपा में क्या करें
- नौतपा के दौरान सूर्यदेव के प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। या फिर आप चाहें तो रविवार के दिन इसका पाठ कर सकते हैं।
- नौतपा के दिनों में जल का दान जैसा जल के घड़े, लोगों के लिए जल का भंडारा जिसमें आप नींबू पानी छाछ आदि का दान कर सकते हैं।
- नौतपा के दौरान उपवास करना चाहिए साथ ही हल्का आहार ही ग्रहण करना चाहिए। रोजाना सुबह जल में चावल रोली मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।
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