मुजफ्फरपुर: भारत में तुर्किए के खिलाफ गुस्सा है। पाकिस्तान का साथ देने के कारण लोग तुर्किए से नाराज हैं। मुस्लिम व्यापारियों ने भी तुर्किए के साथ व्यापार बंद करने की बात कही है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद तुर्की के रवैये से लोग और भी ज्यादा नाराज हैं। व्यापारियों का कहना है कि तुर्किए आतंकियों का साथ दे रहा है, इसलिए उसका बहिष्कार करना चाहिए। तुर्किए ने एक बार फिर दिखाया है कि वो भारत का दोस्त नहीं है। वो आतंकवाद का साथ देने वाला देश है। पाकिस्तान का साथ देकर तुर्किए ने भारतीयों को गुस्सा दिलाया है। अब पूरे देश में तुर्किए के खिलाफ विरोध हो रहा है। ये विरोध सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है। भारतीय व्यापारियों ने भी तुर्किए से व्यापार करना बंद कर दिया है। पाकिस्तान का यार, बंद करो उससे कारोबार!मुजफ्फरपुर के मुस्लिम व्यापारियों ने एक साथ कहा कि तुर्किए है पाकिस्तान का यार बंद करो उससे कारोबार। इसका मतलब है कि तुर्किए पाकिस्तान का दोस्त है, इसलिए उससे व्यापार नहीं करना चाहिए। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया। इस पर तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ दिया। इसलिए भारत में तुर्किए का विरोध हो रहा है। लोग तुर्किए के टूर पैकेज नहीं खरीद रहे हैं। तुर्किए से आने वाले फलों का भी बहिष्कार हो रहा है। जेएनयू ने तुर्किए के साथ एक समझौता रद्द कर दिया है। बिहार के मुजफ्फरपुर के व्यापारी भी तुर्किए के खिलाफ हो गए हैं। मुजफ्फरपुर के मुस्लिम व्यापारी तुर्किए से नाराजमुजफ्फरपुर के मुस्लिम व्यापारी तुर्किए से बहुत नाराज हैं। वसीम अहमद मुन्ना का कहना है कि हमने जरूरत के वक्त तुर्किए को दवा दिया और तुर्किए ने भारत को दगा दिया। भारत ने मुश्किल समय में तुर्किए की मदद की, लेकिन तुर्किए ने भारत को धोखा दिया। बैग का कारोबार करने वाले फूल बाबू ने कहा कि जो आतंकबाद और पाकिस्तान का दोस्त है वो भारत का दुश्मन है। हम भारत के साथ खड़े हैं। जो भी आतंकवाद और पाकिस्तान का साथ देता है, वो भारत का दुश्मन है। 'हमने तुर्किए को दवा दिया और वो दगा'लहठी का कारोबार करने वाले अमजद हुसैन का कहना है कि तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ देकर बहुत बड़ी गलती की है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। अगर भारत तुर्किए से व्यापार बंद कर दे, तो तुर्किए की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। भारत के लोगों का मानना है कि तुर्किए को आतंकवाद का साथ नहीं देना चाहिए। उसे भारत के साथ दोस्ती रखनी चाहिए। अगर तुर्किए अपनी गलती नहीं सुधारेगा, तो उसे इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत के व्यापारी तुर्किए के खिलाफ एकजुट हैं। वे तुर्की को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।
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