नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ का असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर जल्दी दिखाई देने वाला है। भारत समेत दुनिया में मंदी आ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) मंगलवार को अपने नए अनुमानों में आर्थिक विकास के अनुमान को कम कर सकता है। इसका मतलब है कि IMF को लग रहा है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पहले जितनी तेजी से बढ़ रही थी, अब शायद उतनी तेजी से न बढ़े।इसके अगले दिन जापान, यूरोप और अमेरिका के परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) के आंकड़े आएंगे। ये आंकड़े बताएंगे कि ट्रंप के लगाए गए वैश्विक टैरिफ (टैक्स) का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर पर क्या असर पड़ा है। ये टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हुए थे, लेकिन अब कुछ समय के लिए रोक दिए गए हैं। वहीं बड़े देशों के बिजनेस सर्वे के नतीजे भी आने वाले हैं। इन सब जानकारियों से पता चलेगा कि ट्रंप के टैरिफ से कितना नुकसान हुआ है। क्या मंदी आएगी या नहीं?IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, 'हमारे नए विकास अनुमानों में उल्लेखनीय गिरावट आएगी, लेकिन मंदी नहीं आएगी।' इसका मतलब है कि IMF को लग रहा है कि आर्थिक विकास थोड़ा धीमा होगा, लेकिन मंदी (रिसेशन) नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में चीजों के दाम बढ़ सकते हैं और बाजार में उथल-पुथल हो सकती है।वहीं ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स का कहना है कि IMF के अनुमान संभावित रूप से विघटनकारी संकटों के दौरान आशावादी होते हैं। उन्होंने कहा, 'हमने जिन चार बड़े संकटों का अध्ययन किया, उनमें वैश्विक विकास पर तत्काल प्रभाव का IMF का प्रारंभिक आकलन 0.5 फीसदी अंक कम था।' इसका मतलब है कि IMF अक्सर मुश्किल समय में चीजों को थोड़ा बेहतर बताता है, लेकिन असलियत में नुकसान इससे ज्यादा हो सकता है। कब ठीक होंगे हालात?फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक मौद्रिक नीति में बदलाव करने से पहले अधिक स्पष्टता के लिए इंतजार करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। वहीं यूरोपीय सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड यह नहीं कह सकीं कि अनिश्चितता चरम पर है या नहीं। मतलब, अभी यह कहना मुश्किल है कि हालात कब तक ठीक होंगे।
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