समय के साथ महंगाई बढ़ती है और यह दुनिया की कड़वी सच्चाइयों में से एक है। क्या आपने कभी सोचा है कि आज से 75 साल पहले की दुनिया कैसी होगी? 20 हजार रुपये में घर मिल जाता होगा और 10 हजार रुपये में गाड़ी। जी हां, घर कितने में मिल जाता थी, इसका तो अंदाजा ही लगाया जा सकता है, लेकिन 10 हजार रुपये में गाड़ी जरूर मिल जाती थी और इसका साक्ष्य भी मौजूद है। दरअसल, इंटरनेट पर एक फोटो वायरल है, जिसमें 1950 के दशक के हिंदुस्तान लैंडमास्टर, जिसे एंबैसडर भी कहा जाता है, का विज्ञापन दिखता है और इसमें इस स्वदेशी कार की कीमत 9845 रुपये लिखी दिखती है।
बेहद खास थी 1950 की हिंदुस्तान लैंडमास्टरआप सोच रहे होंगे कि उस जमाने में कार के विज्ञापन किस तरह के आते थे तो हिंदुस्तान लैंडमास्टर के 1950 के दशक के एडवर्टाइजमेंट पैंपलेट में 9845 रुपये प्राइस के साथ ही ‘The Car For Comfort & Economy’ टैगलाइन दिखता है। कंपनी का मानना था कि यह कार वैल्यू फॉर मनी है। मद्रास स्थित राणे लिमिटेड ने यह एड निकाला था।
हिंदुस्तान एंबैसडर की कहानी...हिंदुस्तान एंबैसडर भले आज आउटडेटेड हो गई हो और इसकी बिक्री बंद है, लेकिन यह भारतीयों के दिलों पर राज करती थी। इस स्वदेशी कार की ऐसी-ऐसी कहानियां हैं, जो लोगों के जेहन में खूबसूरत याद की तरह बैठी है। इस कार की कहानी बताएं तो वर्ष 1913 से 1971 के दौरान लैंडमास्टर का प्रोडक्शन किया गया था। मूल रूप से यह यूके स्थित मॉरिस ऑक्सफर्ड की कंपनी थी, लेकिन बाद में इसे भारत की कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स ने खरीद लिया, जो कि बिरला ग्रुप की कंपनी थी। 1957 के बाद से कोलकाता के उत्तरपारा में इस कार का निर्माण शुरू हुआ।
साल 2017 में बिक गया एंबैसडर ब्रैंडहिंदुस्तान मोटर का एंबैसडर मार्क II मॉडल काफी पॉपुलर हुआ और इसकी बिक्री 1962 से 1975 के दरमियां हुई। इसमें 1.5 लीटर का इंजन दिया गया था, जो कि 50 एचपी की पावर और 100 न्यूटन मीटर का पिक टॉर्क जेनरेट करता है। इसमें 4-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया था। यहां बता दें कि कंपनी ने एंबैसडर लाइनअप का प्रोडक्शन साल 2014 तक किया और फिर नए एमिशन नॉर्म्स आने के बाद से एंबैसडर का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। साल 20117 में हिंदुस्तान मोटर्स ने अपने एंबैसडर ब्रैंड को पीएसए ग्रुप को बेच दिया।
बेहद खास थी 1950 की हिंदुस्तान लैंडमास्टरआप सोच रहे होंगे कि उस जमाने में कार के विज्ञापन किस तरह के आते थे तो हिंदुस्तान लैंडमास्टर के 1950 के दशक के एडवर्टाइजमेंट पैंपलेट में 9845 रुपये प्राइस के साथ ही ‘The Car For Comfort & Economy’ टैगलाइन दिखता है। कंपनी का मानना था कि यह कार वैल्यू फॉर मनी है। मद्रास स्थित राणे लिमिटेड ने यह एड निकाला था।
हिंदुस्तान एंबैसडर की कहानी...हिंदुस्तान एंबैसडर भले आज आउटडेटेड हो गई हो और इसकी बिक्री बंद है, लेकिन यह भारतीयों के दिलों पर राज करती थी। इस स्वदेशी कार की ऐसी-ऐसी कहानियां हैं, जो लोगों के जेहन में खूबसूरत याद की तरह बैठी है। इस कार की कहानी बताएं तो वर्ष 1913 से 1971 के दौरान लैंडमास्टर का प्रोडक्शन किया गया था। मूल रूप से यह यूके स्थित मॉरिस ऑक्सफर्ड की कंपनी थी, लेकिन बाद में इसे भारत की कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स ने खरीद लिया, जो कि बिरला ग्रुप की कंपनी थी। 1957 के बाद से कोलकाता के उत्तरपारा में इस कार का निर्माण शुरू हुआ।
साल 2017 में बिक गया एंबैसडर ब्रैंडहिंदुस्तान मोटर का एंबैसडर मार्क II मॉडल काफी पॉपुलर हुआ और इसकी बिक्री 1962 से 1975 के दरमियां हुई। इसमें 1.5 लीटर का इंजन दिया गया था, जो कि 50 एचपी की पावर और 100 न्यूटन मीटर का पिक टॉर्क जेनरेट करता है। इसमें 4-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया था। यहां बता दें कि कंपनी ने एंबैसडर लाइनअप का प्रोडक्शन साल 2014 तक किया और फिर नए एमिशन नॉर्म्स आने के बाद से एंबैसडर का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। साल 20117 में हिंदुस्तान मोटर्स ने अपने एंबैसडर ब्रैंड को पीएसए ग्रुप को बेच दिया।
You may also like
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में चमकेगा फुटवियर-लेदर उद्योग
मंडलायुक्त ने की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पुस्तिका की समीक्षा, राजस्व कार्यों में मंडल को मिली ए श्रेणी
सिउड़ी हत्याकांड : अदालत ने 12 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई
शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने के मामले में उच्च न्यायालय ने अधिकारियाें काे किया तलब
तमिलनाडु में अगली सरकार भाजपा गठबंधन की बनेगी : अमित शाह