देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर से दहल गई है। सोमवार शाम को लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट को एक आतंकी घटना माना जा रहा है। ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इस दुखद हादसे से पहले सुरक्षा कर्मियों को आतंकियों की बड़ी साजिश की भनक लग गई थी। छापेमारी में बड़ी कामयाबी भी हासिल की थी। आतंकी कितनी बड़ी साजिश रच थे, उसके राज एक पोस्टर ने खोल दिए थे।
ब्लास्ट से कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। पहले फरीदाबाद फिर सहारनपुर से 'मौत के डॉक्टर' गिरफ्तार हुए। बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। जानकारी के मुताबिक ये संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद और गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि संदिग्धों की सूची में कई लोग वो हैं, जो पेशे से डॉक्टर हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस आखिर श्रीनगर से जांच करते-करते दिल्ली से सटे फरीदाबाद तक कैसे पहुंची? इसका जवाब है-घाटी में लगे कुछ पोस्टर..
एक पोस्टर से शुरू हुई जांच दरअसल जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में दीवारों पर कुछ पोस्टर लगाए गए। इन्हीं पोस्टर्स के दम पर पुलिस नए टेरर मॉड्यूल तक पहुंचने में कामयाब रही। जानकारी के मुताबिक श्रीनगर में कुछ कट्टरपंथी पोस्टर्स में पुलिस को डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई का नाम मिला। पुलिस की शक की सुई घूमी। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो पुलिस ने फरीदाबाद के डॉक्टर से तार जोड़ लिए और उसे गिरफ्तार करने के लिए निकल गई।
एक से दूसरे डॉक्टर तक पहुंची पुलिस जब इस डॉक्टर से पूछताछ की गई तो सहारनपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करने वाले दूसरे डॉक्टर का नाम सामने आया। इसकी पहचान डॉक्टर अदील मजीद राठर के तौर पर हुई, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पूछताछ हुई तो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज के लॉकर से राइफल बरामद हुई। यह भी पता चला कि एक साल पहले आदिल ने अनंतनाग से सरकारी अस्पताल की नौकरी छोड़कर यूपी के प्राइवेट हॉस्पिटल में नौकरी करना शुरू कर दिया।
यहीं से पुलिस पहुंची फरीदाबाद पूछताछ में डॉक्टर मुजम्मिल ने मुंह खोला और बताया कि उसने फरीदाबाद में विस्फोटक छिपा रखा है। मुजम्मिल फरीदाबाद के अल फलाह हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में काम करता था। पुलिस को उसके घर से राइफल, टाइमर, गैजेट्स के अलावा बड़ी मात्रा में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला कैमिकल मिला। यहां से करीब 350 किलो विस्फोटक बनाने का सामान मिला। इससे पहले पुलिस ने करीब 3000 किलोग्राम सामग्री और हथियार बरामद किए थे।
डॉक्टर खोलेगा ब्लास्ट के राज आतंकियों की साजिश के खिलाफ इतना बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। अगर उनके मंसूबे कामयाब होते, तो सोच भी नहीं सकते कि क्या हो सकता था। अब ये मौत के डॉक्टर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के राज खोलेंगे।
ब्लास्ट से कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। पहले फरीदाबाद फिर सहारनपुर से 'मौत के डॉक्टर' गिरफ्तार हुए। बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। जानकारी के मुताबिक ये संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद और गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि संदिग्धों की सूची में कई लोग वो हैं, जो पेशे से डॉक्टर हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस आखिर श्रीनगर से जांच करते-करते दिल्ली से सटे फरीदाबाद तक कैसे पहुंची? इसका जवाब है-घाटी में लगे कुछ पोस्टर..
एक पोस्टर से शुरू हुई जांच दरअसल जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में दीवारों पर कुछ पोस्टर लगाए गए। इन्हीं पोस्टर्स के दम पर पुलिस नए टेरर मॉड्यूल तक पहुंचने में कामयाब रही। जानकारी के मुताबिक श्रीनगर में कुछ कट्टरपंथी पोस्टर्स में पुलिस को डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई का नाम मिला। पुलिस की शक की सुई घूमी। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो पुलिस ने फरीदाबाद के डॉक्टर से तार जोड़ लिए और उसे गिरफ्तार करने के लिए निकल गई।
#WATCH | Faridabad CP Satender Kumar says, "It is an ongoing joint operation between Haryana police and J&K police. An accused, Dr Muzammil, was nabbed. 360 kg of inflammable material is recovered yesterday, which is possibly ammonium nitrate. It is not RDX..." pic.twitter.com/SY8We176CD
— ANI (@ANI) November 10, 2025
एक से दूसरे डॉक्टर तक पहुंची पुलिस जब इस डॉक्टर से पूछताछ की गई तो सहारनपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करने वाले दूसरे डॉक्टर का नाम सामने आया। इसकी पहचान डॉक्टर अदील मजीद राठर के तौर पर हुई, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पूछताछ हुई तो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज के लॉकर से राइफल बरामद हुई। यह भी पता चला कि एक साल पहले आदिल ने अनंतनाग से सरकारी अस्पताल की नौकरी छोड़कर यूपी के प्राइवेट हॉस्पिटल में नौकरी करना शुरू कर दिया।
यहीं से पुलिस पहुंची फरीदाबाद पूछताछ में डॉक्टर मुजम्मिल ने मुंह खोला और बताया कि उसने फरीदाबाद में विस्फोटक छिपा रखा है। मुजम्मिल फरीदाबाद के अल फलाह हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में काम करता था। पुलिस को उसके घर से राइफल, टाइमर, गैजेट्स के अलावा बड़ी मात्रा में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला कैमिकल मिला। यहां से करीब 350 किलो विस्फोटक बनाने का सामान मिला। इससे पहले पुलिस ने करीब 3000 किलोग्राम सामग्री और हथियार बरामद किए थे।
डॉक्टर खोलेगा ब्लास्ट के राज आतंकियों की साजिश के खिलाफ इतना बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। अगर उनके मंसूबे कामयाब होते, तो सोच भी नहीं सकते कि क्या हो सकता था। अब ये मौत के डॉक्टर दिल्ली में हुए ब्लास्ट के राज खोलेंगे।
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