नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को 24 जून सुबह 4:59 बजे तक बंद रखने का फैसला किया है। यह रोक भारतीय विमानों, भारतीय एयरलाइनों की ओर से संचालित विमानों और भारतीय सैन्य उड़ानों पर लागू होगी। पाकिस्तान ने यह कदम अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले के बाद उठाया था। नियमों के अनुसार, हवाई क्षेत्र पर एक महीने से ज्यादा समय तक रोक नहीं लगाई जा सकती। इसलिए पहले यह रोक 23 मई तक लगाई गई थी।भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की रोक लगाई है। पाकिस्तान ने 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के पुलवामा संकट के दौरान भी भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। हाल में दिखाई अपनी जहालतहाल ही में इंडिगो के एक विमान को दिल्ली से श्रीनगर जाते समय ओलावृष्टि का सामना करना पड़ा। विमान के पायलट ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी थी। पायलट ऐसा इसलिए करना चाहता था ताकि विमान को झटकों से बचाया जा सके। लेकिन, लाहौर ATC ने इजाजत नहीं दी। सूत्रों ने बताया कि इंडिगो की उड़ान 6E 2142 में अचानक ओलावृष्टि हुई। इस घटना की जांच DGCA कर रहा है। विमान में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों सहित 220 से ज्यादा लोग सवार थे। पायलट ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल को आपातकाल की सूचना दी। जब विमान अमृतसर के ऊपर से गुजर रहा था तो पायलट को झटके महसूस हुए। उसने लाहौर ATC से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरने की इजाजत मांगी। पायलट ने यह अनुरोध झटकों से बचने के लिए किया था। लेकिन, लाहौर ATC ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। नतीजतन, विमान अपने मूल मार्ग पर ही चलता रहा, जहां उसे गंभीर झटकों का सामना करना पड़ा। हालांकि, विमान बुधवार को सुरक्षित रूप से उतर गया।पाकिस्तान का यह फैसला दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। इससे भारतीय विमानों को दूसरे रास्तों से उड़ान भरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे यात्रा का समय और खर्च दोनों बढ़ेगा। पाकिस्तान ने पहले कहा था कि हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। पाकिस्तान का कहना है कि उसे भारत से खतरे का अंदेशा है। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि उसने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जिससे पाकिस्तान को खतरा हो। क्या हो सकती है पाकिस्तान की मंशा?पाकिस्तान का बार-बार एयरस्पेस बंद करने के पीछे कई संभावित मंशाएं हो सकती हैं। यह कदम भारत के साथ चल रहे तनाव को बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। खासकर अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के संदर्भ में ऐसा करके पाकिस्तान दिक्कतें खड़ी करना चाहता है। इसके चलते भारतीय एयरलाइनों को लंबा रूट लेना पड़ता है। इससे विमानन कंपनियों का खर्च बढ़ता है। साथ ही गंतव्य तक पहुंचने में देरी होती है। पाकिस्तान इस कदम के जरिए भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है। पाकिस्तान अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला दे सकता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों के तहत इस तरह के प्रतिबंध एक महीने से ज्यादा समय के लिए नहीं लगाए जा सकते हैं। भारत की ओर से पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने के जवाब में भी यह कदम हो सकता है। पाकिस्तान का यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव को दर्शाता है। इसका असर विमान सेवाओं पर पड़ रहा है। इससे उड़ानों के मार्ग लंबे हो रहे हैं। परिचालन लागत बढ़ रही है।
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