पूर्वी चंपारण: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूर्वी चंपारण की ढाका सीट एक बार फिर राजनीतिक हलचल का केंद्र बनी हुई है। शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यह सामान्य वर्ग की सीट पर 11 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होंगे, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। ढाका उत्तर बिहार का एक व्यस्त कस्बा है, जो भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ है। सिकरहना अनुमंडल का मुख्यालय होने के नाते यह स्थानीय व्यापार का हब है। जिला मुख्यालय मोतिहारी से 28 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित ढाका, मेहसी, बैरगनिया और सुगौली से सड़क मार्ग से जुड़ा है। रक्सौल (28 किमी उत्तर-पश्चिम) प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, जो नेपाल के गौर, चंद्रनिगहापुर और बीरगंज से जोड़ता है। दक्षिण में सीतामढ़ी-बेलसंड (60-90 किमी) और पटना (180 किमी दक्षिण-पश्चिम) हैं। नाम की समानता संयोग हो या विभाजन पूर्व बंगाल व्यापारियों का प्रभाव, स्थानीय कथाएं इसे रोचक बनाती हैं।
कांग्रेस का किला, बीजेपी ने उखाड़ा, राजद ने हाथ मारा
कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में धान, मक्का और गन्ना प्रमुख फसलें हैं। बाजारों में स्थानीय उत्पादों के साथ ब्रांडेड सामान उपलब्ध हैं, लेकिन युवाओं का दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में पलायन आम है। रेमिटेंस स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सीमा निकटता से तस्करी और अवैध प्रवेश की चुनौतियां भी हैं। चुनावी इतिहास में ढाका ने विविधता दिखाई। शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस ने 1952 से 1985 तक 9 में से 6 चुनाव जीते, जिसमें मसूदुर रहमान और मोतिउर रहमान जैसे नेता प्रमुख थे। बाद में भाजपा-राजद के बीच सत्ता की अदला-बदली रही। भाजपा ने 5 बार, राजद ने 2, और सीपीआई, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और एक निर्दलीय ने एक-एक जीत हासिल की।
ये रहा है ढाका का इतिहास
भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने 1990-2005 में चार बार जीत दर्ज की। राजद के मनोज कुमार सिंह ने 2000 में सफलता पाई। 2010 में निर्दलीय पवन कुमार जायसवाल ने जदयू के फैसल रहमान को हराया। 2015 में राजद के फैसल रहमान ने जायसवाल को 19,197 वोटों से हराया। 2020 में जायसवाल ने भाजपा टिकट पर 99,792 वोट (48.01 प्रतिशत) से राजद के रहमान को 89,678 वोट (43.15 प्रतिशत) से 10,114 वोटों से पराजित किया। लोकसभा में 2024 में राजद ने 12,818 वोटों से बढ़त बनाई, जो विधानसभा के लिए चुनौती है।
2025 में फिर से पवन को बीजेपी का टिकट
2025 में भाजपा ने पवन जायसवाल को फिर मैदान में उतारा है। जायसवाल, राम रहीम सेना संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता, सामूहिक विवाह जैसी योजनाओं से लोकप्रिय हैं। राजद ने फैसल रहमान को टिकट दिया, जिनके पिता मोतिउर रहमान राज्यसभा सांसद रहे। स्थानीय मुद्दे की बात करें तो सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सीमा सुरक्षा प्रमुख हैं। चंपारण सत्याग्रह में स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी सियाराम ठाकुर का योगदान याद दिलाता है।
ढाका में कितने वोटर, जानिए
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्र की कुल आबादी 5,48,926 है, जिनमें 2,85,632 पुरुष और 2,63,294 महिलाएं हैं। वहीं, क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 3,26,275 है, जिनमें 1,72,073 पुरुष, 1,54,188 महिलाएं और 14 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 2020 में यहां 64.75 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो ग्रामीण बहुल (91 प्रतिशत ग्रामीण मतदाता) इस सीट की सक्रियता दर्शाता है।
इनपुट- आईएएनएस
कांग्रेस का किला, बीजेपी ने उखाड़ा, राजद ने हाथ मारा
कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में धान, मक्का और गन्ना प्रमुख फसलें हैं। बाजारों में स्थानीय उत्पादों के साथ ब्रांडेड सामान उपलब्ध हैं, लेकिन युवाओं का दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में पलायन आम है। रेमिटेंस स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सीमा निकटता से तस्करी और अवैध प्रवेश की चुनौतियां भी हैं। चुनावी इतिहास में ढाका ने विविधता दिखाई। शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस ने 1952 से 1985 तक 9 में से 6 चुनाव जीते, जिसमें मसूदुर रहमान और मोतिउर रहमान जैसे नेता प्रमुख थे। बाद में भाजपा-राजद के बीच सत्ता की अदला-बदली रही। भाजपा ने 5 बार, राजद ने 2, और सीपीआई, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और एक निर्दलीय ने एक-एक जीत हासिल की।
ये रहा है ढाका का इतिहास
भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने 1990-2005 में चार बार जीत दर्ज की। राजद के मनोज कुमार सिंह ने 2000 में सफलता पाई। 2010 में निर्दलीय पवन कुमार जायसवाल ने जदयू के फैसल रहमान को हराया। 2015 में राजद के फैसल रहमान ने जायसवाल को 19,197 वोटों से हराया। 2020 में जायसवाल ने भाजपा टिकट पर 99,792 वोट (48.01 प्रतिशत) से राजद के रहमान को 89,678 वोट (43.15 प्रतिशत) से 10,114 वोटों से पराजित किया। लोकसभा में 2024 में राजद ने 12,818 वोटों से बढ़त बनाई, जो विधानसभा के लिए चुनौती है।
2025 में फिर से पवन को बीजेपी का टिकट
2025 में भाजपा ने पवन जायसवाल को फिर मैदान में उतारा है। जायसवाल, राम रहीम सेना संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता, सामूहिक विवाह जैसी योजनाओं से लोकप्रिय हैं। राजद ने फैसल रहमान को टिकट दिया, जिनके पिता मोतिउर रहमान राज्यसभा सांसद रहे। स्थानीय मुद्दे की बात करें तो सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सीमा सुरक्षा प्रमुख हैं। चंपारण सत्याग्रह में स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी सियाराम ठाकुर का योगदान याद दिलाता है।
ढाका में कितने वोटर, जानिए
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्र की कुल आबादी 5,48,926 है, जिनमें 2,85,632 पुरुष और 2,63,294 महिलाएं हैं। वहीं, क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 3,26,275 है, जिनमें 1,72,073 पुरुष, 1,54,188 महिलाएं और 14 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 2020 में यहां 64.75 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो ग्रामीण बहुल (91 प्रतिशत ग्रामीण मतदाता) इस सीट की सक्रियता दर्शाता है।
इनपुट- आईएएनएस
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