पटना: बिहार में सत्ताधारी नीतीश कुमार की पार्टी JDU में बवंडर मचा है। अब तक पांच मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दिया है। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू के समर्थन के कारण इस्तीफों का दौर चल निकला। ये विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया। इसका साइड इफेक्ट ये रहा कि कम से कम पांच मुस्लिम नेताओं ने नीतीश का साथ छोड़ दिया। उनका कहना है कि वे इस विधेयक से सहमत नहीं हैं। हालांकि, शुरू में एक-दो नेताओं को पार्टी ने पहचानने से इंकार किया था, मगर मामला थमा नहीं। JDU के 5 मुस्लिम नेताओं का इस्तीफाबिहार में JDU के कई नेता वक्फ संशोधन विधेयक पर नीतीश कुमार के समर्थन से नाराज हैं। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सबसे पहले राजू नैयर ने इस्तीफा दिया। फिर तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी पार्टी छोड़ दी। आखिर में नदीम अख्तर ने भी इस्तीफा दे दिया। राजू नैयर ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने और लोकसभा में समर्थन के बाद मैं JDU से इस्तीफा देता हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के फैसले से बहुत दुखी हैं। मैं इस काले कानून के पक्ष में JDU के मतदान से बहुत आहत हूं, जो मुसलमानों पर अत्याचार करता है। पार्टी छोड़ते नेता और पप्पू यादव का आरोपनदीम, राजू और तबरेज ने शुक्रवार को इस्तीफा दिया। शाहनवाज और मोहम्मद कासिम अंसारी ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया था। राजू नैयर ने ये भी लिखा कि वे JDU युवा के पूर्व राज्य सचिव और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया। वहीं, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा 'नीतीश कुमार जी की मानसिक स्थिति अभी ठीक नहीं है। उनकी पार्टी में 90 प्रतिशत नेता SC/ST के खिलाफ हैं, लेकिन BJP के साथ हैं। बिहार में जिस दिन वोटिंग होगी, उसके बाद BJP को नीतीश कुमार की जरूरत नहीं रहेगी। JDU अब नीतीश जी के हाथ में नहीं है।' पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने लगाए इल्जामतबरेज सिद्दीकी अलीग ने भी JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने पार्टी पर मुस्लिम समुदाय का विश्वास तोड़ने का आरोप लगाया। शाहनवाज मलिक ने अपने पत्र में लिखा, 'हम जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों को दृढ़ विश्वास था कि आप एक सच्चे धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लिए खड़े हैं। वो विश्वास अब चकनाचूर हो गया है। हम जैसे लाखों समर्पित भारतीय मुसलमान और कार्यकर्ता वक्फ विधेयक संशोधन अधिनियम 2024 पर JDU के रुख से बहुत हैरान हैं।' वक्फ बिल पर नीतीश के समर्थन से नाराज वहीं, मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि वक्फ विधेयक भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है और इसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ये विधेयक संविधान के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस विधेयक के माध्यम से भारतीय मुसलमानों को अपमानित और अपमानित किया जा रहा है। न तो आपको (नीतीश कुमार) और न ही आपकी पार्टी (जेडीयू) को इसका एहसास है। मुझे खेद है कि मैंने अपने जीवन के कई साल पार्टी को दिए।' इस्तीफा देने वालों को JDU ने पहचानने से किया इंकारहालांकि, JD(U) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अंसारी और मलिक के इस्तीफों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अंसारी और मलिक आधिकारिक तौर पर पार्टी के सदस्य नहीं थे। अंसारी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र साझा किया था। इसमें उन्होंने खुद को पूर्वी चंपारण में JDU के मेडिकल सेल का अध्यक्ष बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि वे ढाका विधानसभा सीट से उम्मीदवार थे लेकिन JDU ने 2020 के चुनावों में उस सीट पर चुनाव नहीं लड़ा था। ढाका सीट BJP के पवन जायसवाल ने जीती थी, जो JDU के सहयोगी हैं। राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुझे नहीं पता कि इन चीजों के बारे में क्या कहना है। मैं लंबे समय से पार्टी से जुड़ा हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि दोनों में से कोई भी व्यक्ति हमारे रैंक और फाइल का हिस्सा नहीं रहा है। वक्फ का समर्थन करने से बलियावी भी नाराजराजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि हम मानते हैं कि हमारी पार्टी के कुछ वास्तविक सदस्य, जैसे राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी, विधेयक के पारित होने से बहुत खुश नहीं हैं। उनकी शिकायतों को उचित स्तर पर निपटा जाएगा लेकिन जो लोग पार्टी से इस्तीफे का दावा कर रहे हैं, वे पहले कभी सदस्य नहीं थे। इससे पहले गुरुवार को बलियावी और सैयद अफजल अब्बास ने भी विधेयक पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम नेताओं ने संयुक्त संसदीय समिति के साथ बैठकों के दौरान जो सुझाव दिए थे, उनमें से कई को शामिल नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने विधेयक के लिए पार्टी के समर्थन की आलोचना नहीं की। बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनावसंसद ने शुक्रवार की अहले सुबह वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में इस पर विस्तृत चर्चा हुई। विधेयक राज्यसभा में 128 सदस्यों के समर्थन से पारित हुआ, जबकि 95 सदस्यों ने इसके खिलाफ वोट किया। इसे पहले लोकसभा में मंजूरी दी गई थी, जहां 288 सांसदों ने इसका समर्थन किया था और 232 ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया था। वक्फ विधेयक का मुद्दा बिहार में इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों तक सक्रिय रहने की उम्मीद है। हाल ही में, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने पटना में एक विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और NDA के सहयोगियों जैसे चिराग पासवान से विधेयक को रोकने के लिए कहा था। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर JDU में इस्तीफों का दौर जारी है। कई नेता पार्टी के फैसले से नाराज हैं और उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इस मुद्दे का असर बिहार के आने वाले चुनावों पर भी दिख सकता है। विपक्षी पार्टियां JDU को घेरने की तैयारी में है।
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