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Cabinet Meeting: अब चीन को मिलेगी चुनौती! सरकार ने दुर्लभ खनिज को लेकर लिया बड़ा फैसला, देश में बढ़ेगा प्रोडक्शन

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नई दिल्ली: सरकार दुर्लभ खनिज को लेकर गंभीर हो गई है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस मीटिंग में सरकार ने तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए। दुर्लभ खनिज के अलावा एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (EPM) और क्रेडिट गारंटी स्कीम के जुड़े अन्य फैसले भी शामिल हैं। एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के लिए 25,060 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इन फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।

एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को 2025-26 से 2030-31 तक के लिए 25,060 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया जाएगा। EPM का उद्देश्य भारत के निर्यात को और बेहतर बनाना है। इसका लक्ष्य है कि निर्यात का ढांचा सभी के लिए खुला हो, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो और दुनिया भर में भारत का सामान मुकाबले में खड़ा रहे। इसमें दो स्कीम शामिल होंगी। इनका नाम निर्यात प्रोत्साहन और निर्यात दिशा है।

बिक्री बढ़ाने पर फोकसएक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए आसान और सस्ती व्यापार वित्त की व्यवस्था करेगा। यह उन्हें नियमों का पालन करने और सर्टिफिकेशन पाने में मदद करके निर्यात के लिए तैयार करेगा। इससे भारतीय उत्पादों को बाजारों में ज्यादा पहचान मिलेगी और उनकी बिक्री बढ़ेगी। यह मिशन उन जिलों और क्षेत्रों से भी निर्यात बढ़ाएगा जहां से पहले ज्यादा निर्यात नहीं होता था। इससे निर्माण, लॉजिस्टिक्स और संबंधित सेवाओं में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।


सरकार लेगी लोन की गारंटीकैबिनेट ने निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को मंजूरी दे दी है। अब नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (National Credit Guarantee Trustee Company Limited) के जरिए निर्यातकों को 100% क्रेडिट गारंटी मिलेगी। इसका मतलब है कि अगर कोई निर्यातक लोन लेता है और किसी वजह से उसे चुका नहीं पाता तो सरकार उसकी गारंटी लेगी। इस योजना के तहत छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) सहित योग्य निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक का बिना किसी गारंटी के लोन मिल सकेगा। यह कदम निर्यातकों को बढ़ावा देने और उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए उठाया गया है।


रेयर मिनरल्स पर खत्म होगी रॉयल्टीसबसे बड़ा फैसला दुर्लभ खनिज यानी रेयर मिनरल्स को लेकर रहा। केंद्रीय कैबिनेट ने क्रिटिकल मिनरल्स मिनशन के तहत ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर रॉयल्टी की दरें तय कर दी हैं। इस फैसले से इन खनिजों के ब्लॉक की नीलामी तेज होने की उम्मीद है। इससे लिथियम, टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (REEs) और नाइओबियम जैसे अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का भी फायदा होगा।

सरकार का कहना है कि ग्रेफाइट पर 'एड वेलोरम' (बाजार मूल्य के अनुसार) रॉयल्टी तय करने से अलग-अलग ग्रेड के ग्रेफाइट के बाजार भाव के हिसाब से रॉयल्टी कलेक्शन होगा। इससे घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी, सप्लाई चेन की दिक्कतें घटेंगी और लोगों के लिए नई नौकरियां भी पैदा होंगी।

चीन पर निर्भरता होगी कमसरकार के इस कदम से रेयर अर्थ को लेकर चीन पर निर्भरता कम होगी। ये चारों दुर्लभ खनिज काफी महत्वपूर्ण हैं। ग्रेफाइट को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बैटरियों में एनोड के रूप में इस्तेमाल होता है। जिरकोनियम परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस और स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत इस्तेमाल होता है। सीजियम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, एटॉमिक क्लॉक, जीपीएस सिस्टम और कुछ कैंसर के इलाज में काम आता है। वहीं रुबिडियम का इस्तेमाल खास तरह के ग्लास, फाइबर ऑप्टिक्स, टेलीकम्युनिकेशन और नाइट विजन सिस्टम में होता है।
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