हिसार/कैथल: आपका बेटा युक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए ड्रोन हमले में शहीद हो गया है... सोनू के परिवार को एक महीने पहले जब एक रूसी अधिकारी का फोन आया तो उनके पांव तले से जमीन खिसक गई। अब करीब एक महीने से भी ज्यादा समय के बाद सोनू का शव हिसार के मदनहेड़ी स्थित उसके गांव लाया गया। बुधवार के सोनू के शव अंतिम संस्कार किया गया। लगभग दो हफ्ते पहले ही कैथल जिले के एक और युवक करम चंद का शव उसके गांव लाया गया था। इस खबर ने रूस-युक्रेन युद्ध में हरियाणा के उन छह लापता युवकों के परिवारों को झकझोर कर रख दिया है। परिजन अब भी अपने बेटों की खबर का इंतजार कर रहे हैं।
सोनू के परिवार के अनुसार, वह और करम उन सात भारतीयों में शामिल थे, जिनमें पंजाब और राजस्थान के युवक भी शामिल थे। इन सभी ने इस साल अगस्त में 15 दिनों का प्रशिक्षण लिया था। सोनू के बड़े भाई विकास ने कहा कि मुझे 19 सितंबर को एक रूसी सैन्य अधिकारी का संदेश मिला कि सोनू यूक्रेनी हमले में मारा गया है। उसके साथ प्रशिक्षण लेने वाले अन्य युवकों ने हमें बताया कि सोनू को ड्रोन ने मारा था, जबकि करम के कंधे पर चोट लगी थी। राजस्थान के दोनों युवक भी लापता हैं।
बृजेंद्र सिंह ने विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया था मुद्दा
हिसार के पूर्व लोकसभा सांसद बृजेंद्र सिंह ने विदेश मंत्रालय के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। 24 अक्टूबर को मंत्रालय ने सिंह को सूचित किया कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने 17 अक्टूबर को करम के पार्थिव शरीर को ले जाने की व्यवस्था की थी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सोनू का पार्थिव शरीर रूस के रोस्तोव में है और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे भारत लाने के लिए मॉस्को ले जाया जाएगा। सोनू के पार्थिव शरीर के आने से अमन (24) की मां सुमन और भाई आशीष बहुत चिंतित हैं, जिनका 20 अक्टूबर से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। परिवार ने कहा कि अमन जुलाई 2024 में रूस चला गया था। सोनू एक महीने पहले वहां गया था। जुलाई 2024 के बाद से, सोनू की मौत रूस-यूक्रेन युद्ध में हरियाणा से चौथी शहीदी है।
नौकरी का झांसा देकर फंसाया
अमन पहले भारतीय वायु सेना में कांस्टेबल की नौकरी हासिल करने में असफल रहा था और उसे ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से वीजा अस्वीकृति का सामना करना पड़ा था। आशीष ने बताया कि इस साल, जब उसका वीज़ा खत्म होने वाला था, तो किसी ने उसे 2.5 लाख रुपये मासिक वेतन और 10 लाख रुपये एडवांस देने का झांसा दिया। उसे बताया गया था कि वह एक सुरक्षा कंपनी में काम करेगा, लेकिन उसे 15 दिन की सेना की ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया। ट्रेनिंग पूरी होने तक उसने हमें कुछ नहीं बताया।
3 सितंबर को हुई आखिरी बार बात
आशीष ने यह भी बताया कि उसने हमसे आखिरी बार 3 सितंबर को व्हाट्सएप पर बात की थी। 19 सितंबर को एक रूसी अधिकारी ने हमें बताया कि अमन 6 सितंबर को लापता हो गया था। वहीं रोहतक के श्री भगवान ने बताया कि उनका भतीजा संदीप भी लापता है। संदीप सितंबर 2024 में स्टडी वीज़ा पर रूस गया था। उसकी मां ने सारे खर्चों के लिए 6 लाख रुपये का इंतज़ाम करने के लिए अपना सोना बेच दिया। संदीप एक रेस्टोरेंट में काम करके 90,000 रुपये कमा रहा था। संदीप के चाचा ने कहा कि अगस्त में रूस के अंबाला से एक एजेंट ने उसे 2.10 लाख रुपये मासिक वेतन और 10 लाख रुपये अग्रिम देने का वादा कर रूसी सेना में शामिल होने का लालच दिया था। 1 अक्टूबर के बाद से हमारा उससे कोई संपर्क नहीं हुआ है।
सोनू के परिवार के अनुसार, वह और करम उन सात भारतीयों में शामिल थे, जिनमें पंजाब और राजस्थान के युवक भी शामिल थे। इन सभी ने इस साल अगस्त में 15 दिनों का प्रशिक्षण लिया था। सोनू के बड़े भाई विकास ने कहा कि मुझे 19 सितंबर को एक रूसी सैन्य अधिकारी का संदेश मिला कि सोनू यूक्रेनी हमले में मारा गया है। उसके साथ प्रशिक्षण लेने वाले अन्य युवकों ने हमें बताया कि सोनू को ड्रोन ने मारा था, जबकि करम के कंधे पर चोट लगी थी। राजस्थान के दोनों युवक भी लापता हैं।
बृजेंद्र सिंह ने विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया था मुद्दा
हिसार के पूर्व लोकसभा सांसद बृजेंद्र सिंह ने विदेश मंत्रालय के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। 24 अक्टूबर को मंत्रालय ने सिंह को सूचित किया कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने 17 अक्टूबर को करम के पार्थिव शरीर को ले जाने की व्यवस्था की थी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सोनू का पार्थिव शरीर रूस के रोस्तोव में है और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे भारत लाने के लिए मॉस्को ले जाया जाएगा। सोनू के पार्थिव शरीर के आने से अमन (24) की मां सुमन और भाई आशीष बहुत चिंतित हैं, जिनका 20 अक्टूबर से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। परिवार ने कहा कि अमन जुलाई 2024 में रूस चला गया था। सोनू एक महीने पहले वहां गया था। जुलाई 2024 के बाद से, सोनू की मौत रूस-यूक्रेन युद्ध में हरियाणा से चौथी शहीदी है।
नौकरी का झांसा देकर फंसाया
अमन पहले भारतीय वायु सेना में कांस्टेबल की नौकरी हासिल करने में असफल रहा था और उसे ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से वीजा अस्वीकृति का सामना करना पड़ा था। आशीष ने बताया कि इस साल, जब उसका वीज़ा खत्म होने वाला था, तो किसी ने उसे 2.5 लाख रुपये मासिक वेतन और 10 लाख रुपये एडवांस देने का झांसा दिया। उसे बताया गया था कि वह एक सुरक्षा कंपनी में काम करेगा, लेकिन उसे 15 दिन की सेना की ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया। ट्रेनिंग पूरी होने तक उसने हमें कुछ नहीं बताया।
3 सितंबर को हुई आखिरी बार बात
आशीष ने यह भी बताया कि उसने हमसे आखिरी बार 3 सितंबर को व्हाट्सएप पर बात की थी। 19 सितंबर को एक रूसी अधिकारी ने हमें बताया कि अमन 6 सितंबर को लापता हो गया था। वहीं रोहतक के श्री भगवान ने बताया कि उनका भतीजा संदीप भी लापता है। संदीप सितंबर 2024 में स्टडी वीज़ा पर रूस गया था। उसकी मां ने सारे खर्चों के लिए 6 लाख रुपये का इंतज़ाम करने के लिए अपना सोना बेच दिया। संदीप एक रेस्टोरेंट में काम करके 90,000 रुपये कमा रहा था। संदीप के चाचा ने कहा कि अगस्त में रूस के अंबाला से एक एजेंट ने उसे 2.10 लाख रुपये मासिक वेतन और 10 लाख रुपये अग्रिम देने का वादा कर रूसी सेना में शामिल होने का लालच दिया था। 1 अक्टूबर के बाद से हमारा उससे कोई संपर्क नहीं हुआ है।
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