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दिल्ली का पहला फिदायीन हमला है लाल किला ब्लास्ट! DNA टेस्ट से यूं बदल जाएगा राजधानी में टेरर अटैक का इतिहास

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नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास 10 नवंबर की शाम करीब 6.52 बजे हुए ब्लास्ट में जिस सफेद I-20 कार का इस्तेमाल हुआ था, उससे जुड़े तीन CCTV फुटेज सामने आए। मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से निकल रही कार में काला मास्क पहने एक शख्स बैठा दिखाई दिया। जांच एजेंसियों का दावा है कि कार में बैठा शख्स डॉ. मोहम्मद उमर है। वह पुलवाम का रहने वाला है। अब सवाल है कि डॉ. उमर जिंदा है या मारा गया ? अगर मारा गया तो दिल्ली में यह पहला फिदायीन हमला है।

शव की पहचान करने को DNA टेस्ट के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा में उमर के माता पिता और दो भाइयों को हिरासत में लिया है। इधर फरीदाबाद में 2900 किलोग्राम विस्फोट मटेरियल पकड़ा गया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने दो कश्मीरी डॉक्टरों की गिरफ्तारी से इंटर-स्टेट और इंटरनेशनल टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था।

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आतंकी संगठन JeM और AGuH से जुड़े डॉक्टरपुलिस ने अनंतनाग के रहने वाले डॉ. आदिल अहमद और फरीदाबाद के डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी को अरेस्ट किया था। पकड़े गए आतंकियों के प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े होने की बात कही गई। इस बीच दोनों डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद डॉ. उमर वहां से फरार हो गया था। टेरर के ट्रायल एंगल को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने दिल्ली ब्लास्ट की जांच NIA को सौंप दी है।

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जमात-उल-मोमीनात की कमांडर डॉ. शाहीनइस मामले में हरियाणा के फरीदाबाद से लखनऊ की एक महिला डॉ. शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी हुई है। जिसकी कार से AK-47 मिली थी। सूत्रों का कहना है कि डॉ. शाहीन पाक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर से जुड़ी थी, जिसमें सादिया ने शाहीन को कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद की भारत में महिला विंग 'जमात-उल-मोमीनात' का कमांडर बनाया था। इसमें उसकी जिम्मेदारी भारत में अधिक से अधिक महिलाओं को इस आतंकवादी संगठन में भर्ती करने की थी। सादिया के पति युसुफ अजहर समेत परिवार के 10 सदस्य पहलगाम में हुए टेरर अटैक के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए थे।
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