लखनऊ: लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में स्थित होटल मैरिएट में रुके त्रिपुरा के सीएम से मिलने पहुंचे एक फर्जी आईआरएस को पुलिस ने अरेस्ट किया है। आरोपी बिहार का रहने वाला है और नई दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग में पढ़ाता है। पुलिस उसके साथ मौजूद चालक के बारे में पता कर रही है। साथ ही यह जानकारी भी जुटा रही है कि कहीं आरोपी के खिलाफ किसी अन्य स्टेट में कोई केस तो दर्ज नहीं है।
विभूतिखंड थाने के इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि बिहार निवासी प्रशांत मोहन दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग में पढ़ाता था। वह खुद भी कई बार यूपीएससी दे चुका था। पर उसका चयन नहीं हुआ था। प्रशांत प्रतिष्ठित होटल में रुका था। उसने होटल प्रबंधन को रौब झाड़ने के लिए बताया था कि वह आईआरएस है। यह दावा भी किया था कि लखनऊ के पुलिस कमिश्नर उसके रिश्तेदार है। इसी बीच त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा लखनऊ दौरे पर कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उनके रुकने के लिए उसी होटल में व्यवस्था की गई थी, जिसमें प्रशांत रुका था।
भागने की फिराक में था
इंस्पेक्टर के मुताबिक 30 अक्टूबर को प्रशांत त्रिपुरा के सीएम से मिलने के लिए पहुंच गया। प्रशांत की बातचीत से सीएम की सिक्यॉरिटी को शक हुआ तो उससे पूछताछ की गई और सूचना विभूतिखंड पुलिस को दी गई। विभूतिखंड पुलिस 31 अक्टूबर को होटल पहुंची तो पता चला कि आरोपी ने चेक आउट कर दिया है, वह भागने की फिराक में था। पुलिस ने उसे होटल से पकड़ लिया पर उसका चालक गाड़ी लेकर वहां से जा चुका था। होटल प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अपनी कार में लाल-नीली बत्ती लगा रखी थी। पुलिस आरोपी के चालक और कार की तलाश में जुटी है।
पकड़ा गया तो करने लगा अटैक की एक्टिंग
इंस्पेक्टर अमर सिंह के मुताबिक आरोपी प्रशांत मोहन पकडे जाने के बाद हार्टअटैक पड़ने की एक्टिंग करने लगा। पुलिस उसे आनन-फानन लोहिया संस्थान ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। पुलिस को बताया कि आरोपी की तबीयत ठीक है। उसे हार्ट अटैक नहीं पड़ा है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया। आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कई बार उसने यूपीएससी की परीक्षा दी थी। पर उसका चयन नही हुआ था। उसे फर्जी आईआरएस बनकर प्रतिष्ठित लोगों से मिलने का शौक है। उनके साथ फोटो खिंचवा कर लोगों को दिखा कर उन्हें अपने जाल में फंसाता था।
विभूतिखंड थाने के इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि बिहार निवासी प्रशांत मोहन दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग में पढ़ाता था। वह खुद भी कई बार यूपीएससी दे चुका था। पर उसका चयन नहीं हुआ था। प्रशांत प्रतिष्ठित होटल में रुका था। उसने होटल प्रबंधन को रौब झाड़ने के लिए बताया था कि वह आईआरएस है। यह दावा भी किया था कि लखनऊ के पुलिस कमिश्नर उसके रिश्तेदार है। इसी बीच त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा लखनऊ दौरे पर कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उनके रुकने के लिए उसी होटल में व्यवस्था की गई थी, जिसमें प्रशांत रुका था।
भागने की फिराक में था
इंस्पेक्टर के मुताबिक 30 अक्टूबर को प्रशांत त्रिपुरा के सीएम से मिलने के लिए पहुंच गया। प्रशांत की बातचीत से सीएम की सिक्यॉरिटी को शक हुआ तो उससे पूछताछ की गई और सूचना विभूतिखंड पुलिस को दी गई। विभूतिखंड पुलिस 31 अक्टूबर को होटल पहुंची तो पता चला कि आरोपी ने चेक आउट कर दिया है, वह भागने की फिराक में था। पुलिस ने उसे होटल से पकड़ लिया पर उसका चालक गाड़ी लेकर वहां से जा चुका था। होटल प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने अपनी कार में लाल-नीली बत्ती लगा रखी थी। पुलिस आरोपी के चालक और कार की तलाश में जुटी है।
पकड़ा गया तो करने लगा अटैक की एक्टिंग
इंस्पेक्टर अमर सिंह के मुताबिक आरोपी प्रशांत मोहन पकडे जाने के बाद हार्टअटैक पड़ने की एक्टिंग करने लगा। पुलिस उसे आनन-फानन लोहिया संस्थान ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। पुलिस को बताया कि आरोपी की तबीयत ठीक है। उसे हार्ट अटैक नहीं पड़ा है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया। आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कई बार उसने यूपीएससी की परीक्षा दी थी। पर उसका चयन नही हुआ था। उसे फर्जी आईआरएस बनकर प्रतिष्ठित लोगों से मिलने का शौक है। उनके साथ फोटो खिंचवा कर लोगों को दिखा कर उन्हें अपने जाल में फंसाता था।
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