लखनऊ। बीएसपी प्रमुख मायावती अपनी लखनऊ रैली के बाद जबरदस्त एक्शन में नजर आ रही हैं। गुरुवार को मायावती ने पार्टी के दिग्गज नेताओं में शामिल समसुद्दीन राईन को बीएसपी से निष्कासित कर दिया। समसुद्दीन के ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने और बीएसपी के अंदर गुटबादी करने का आरोप लगाया गया है। बीएसपी के यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल की तरफ से जारी किए गए निष्कासन पत्र में कहा गया है कि समसुद्दीन राईन को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन जब उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियां नहीं रुकीं तो उन्हें बीएसपी से बाहर करने का फैसला लिया गया है।
समसुद्दीन राईन की गिनती बीएसपी के कद्दावर मुस्लिम नेताओं में होती थी। झांसी के रहने वाले समसुद्दीन को इसी साल अप्रैल के महीने में बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया था। बुंदेलखंड में मुस्लिम समाज को बीएसपी से जोड़ने की कोशिश के तहत समसुद्दीन को यह जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद उनका कद बढ़ाते हुए उन्हें लखनऊ और बरेली मंडल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। हालांकि, इसके साथ ही उनके ऊपर बीएसपी में गुटबाजी करने के आरोप भी लगते रहे। गुरुवार को उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
इससे दो दिन पहले ही बीएसपी मुखिया मायावती ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत बड़े फेरबदल किए थे। फेरबदल के तहत पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली और पूर्व लोकसभा सांसद गिरीश चंद जाटव को मेरठ मंडल के मुख्य मंडल प्रभारी पद से हटा दिया गया। उनकी जगह पर जाफर अली और विक्रम सिंह जाटव को यह जिम्मेदारी दी गई। जाफर अली अमरोहा और विक्रम सिंह जाटव आगरा के रहने वाले हैं। शमसुद्दीन राईन को भी इसी बदलाव में बरेली मंडल का मुख्य प्रभारी बनाया गया था। हालांकि, बरेली मंडल प्रभारी बनने के दो दिन बाद हुई उनकी पार्टी से विदाई हो गई।
समसुद्दीन राईन की गिनती बीएसपी के कद्दावर मुस्लिम नेताओं में होती थी। झांसी के रहने वाले समसुद्दीन को इसी साल अप्रैल के महीने में बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया था। बुंदेलखंड में मुस्लिम समाज को बीएसपी से जोड़ने की कोशिश के तहत समसुद्दीन को यह जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद उनका कद बढ़ाते हुए उन्हें लखनऊ और बरेली मंडल की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। हालांकि, इसके साथ ही उनके ऊपर बीएसपी में गुटबाजी करने के आरोप भी लगते रहे। गुरुवार को उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
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