अभय सिंह राठौड़, लखनऊ/रामपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए कई आईएएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इस सूची में चर्चित आईएएस अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी का नाम भी शामिल है। उन्हें रामपुर जिले का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। रामपुर जैसे संवेदनशील और राजनीतिक रूप से चर्चित जिले की कमान सौंपे जाने के बाद से ही अजय कुमार द्विवेदी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। श्रावस्ती के डीएम रहते वह खेत में कुदाल चलाते नजर आए तो कभी ट्रेनी आईएएस की पोस्टिंग के दौरान ही भाजपा सांसद से भिड़ंत हो गई।
दरअसल रामपुर जिले में जिलाधिकारी की नियुक्ति हमेशा चर्चा में रहती है, क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यहां की जिम्मेदारी किसी सख्त और तेजतर्रार अधिकारी को देना प्रशासनिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। वहीं आईएएस अजय कुमार द्विवेदी भी तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में राजधानी लखनऊ में नगर आयुक्त के पद से लेकर श्रावस्ती जैसे बड़े जिले में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
आईएएस अजय कुमार द्विवेदी की बात करें तो वो 2015 बैच के आईएएस अधिकारी है। आईएएस अजय कुमार द्विवेदी मूल रूप से ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर आईआईटी दिल्ली से बी.टेक किया है। सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने पहले ही प्रयास में 17वीं रैंक हासिल कर देशभर में नाम कमाया है।
आईएएस अधिकारी के तौर पर अजय कुमार द्विवेदी अपनी पहली तैनाती में ही चर्चा में आ गए थे। प्रशिक्षु आईएएस के रूप में उन्होंने 2017 में बाराबंकी में एसडीएम के पद पर कार्यभार संभाला था। इसी दौरान अजय कुमार द्विवेदी तब सुर्खियों में आ गए जब तालाब की भूमि पर अतिक्रमण हटाने के मामले में उनकी और तत्कालीन बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत के बीच तीखा विवाद हो गया था। सांसद की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद भी उन्होंने नियमों के अनुसार कार्रवाई जारी रखी थी।
बाराबंकी की भाजपा सांसद से हुआ था टकराव
यह घटना उस समय काफी सुर्खियों में आई थी जब ट्रेनी आईएएस अजय कुमार द्विवेदी और बीजेपी सांसद के बीच विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। घटना के दौरान सांसद ने अजय कुमार द्विवेदी से नाराज़गी जताते हुए कहा था कि किसी की सुनते नहीं हो, तमीज़ नाम की कोई चीज है या नहीं? मैं यहां खड़ी हूं, मेरी बात सुनने के बजाय मुंह घुमाकर जा रहे हैं, दिमाग खराब है। अभी ट्रेनिंग पर हो, सही से काम करो। जो एटीट्यूड है, वो घर में दिखाना, यहां नहीं चलेगा। जनता का काम हम भी कर रहे हैं और तुम्हें भी करना पड़ेगा। तब अजय कुमार द्विवेदी ने अपनी सफाई में कहा था कि जांच करा लें, मेरा दोष हो तो सजा दे दीजिए। इस घटना के बाद वे चर्चा में आ गए थे।
इसी साल 10 जुलाई को डीएम श्रावस्ती के हैंडल से पोस्ट में वह कुदाल चलाते नजर आए। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं मुख्य विकास अधिकारी शाहिद अहमद द्वारा ग्राम हरिहरपुररानी के समीप बूढ़ी राप्ती नदी के पुर्नरोद्धार कार्य का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी, सीडीओ, मनरेगा कार्मिकों, आपदा मित्रों एवं स्कूली छात्र छात्राओ द्वारा फावड़ा चलाकर श्रमदान किया गया।
आईएएस अजय कुमार द्विवेदी को सरकार ने अगस्त 2020 में लखनऊ नगर निगम का नगर आयुक्त नियुक्त किया था। उस वक्त तत्कालीन आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी को हटाए जाने के बाद अजय द्विवेदी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद जून 2022 में उन्हें आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का उपाध्यक्ष बनाया गया था। आईएएस अजय कुमार द्विवेदी रामपुर से पहले श्रावस्ती जिले के जिलाधिकारी थे। वहां उन्होंने किसानों के साथ खेत में उतरकर गेहूं की कटाई की थी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
वहीं आईएएस अजय कुमार द्विवेदी को एक ईमानदार, जवाबदेह और जन-केंद्रित प्रशासक के रूप में जाना जाता है। उनकी कार्यशैली तकनीकी दृष्टि, आईआईटी पृष्ठभूमि और प्रशासनिक दक्षता का मिश्रण मानी जाती है। उन्होंने कई बार आम नागरिकों की शिकायतों का समाधान सीधे फील्ड में जाकर किया है। उधर रामपुर जैसे संवेदनशील जिले की कमान मिलने के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि अजय कुमार द्विवेदी अपने सख्त लेकिन जनहितैषी प्रशासनिक अंदाज से जिले की छवि को कैसे बदलते हैं।
दरअसल रामपुर जिले में जिलाधिकारी की नियुक्ति हमेशा चर्चा में रहती है, क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा यहां की जिम्मेदारी किसी सख्त और तेजतर्रार अधिकारी को देना प्रशासनिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। वहीं आईएएस अजय कुमार द्विवेदी भी तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में राजधानी लखनऊ में नगर आयुक्त के पद से लेकर श्रावस्ती जैसे बड़े जिले में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
आईएएस अजय कुमार द्विवेदी की बात करें तो वो 2015 बैच के आईएएस अधिकारी है। आईएएस अजय कुमार द्विवेदी मूल रूप से ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर आईआईटी दिल्ली से बी.टेक किया है। सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने पहले ही प्रयास में 17वीं रैंक हासिल कर देशभर में नाम कमाया है।
आईएएस अधिकारी के तौर पर अजय कुमार द्विवेदी अपनी पहली तैनाती में ही चर्चा में आ गए थे। प्रशिक्षु आईएएस के रूप में उन्होंने 2017 में बाराबंकी में एसडीएम के पद पर कार्यभार संभाला था। इसी दौरान अजय कुमार द्विवेदी तब सुर्खियों में आ गए जब तालाब की भूमि पर अतिक्रमण हटाने के मामले में उनकी और तत्कालीन बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत के बीच तीखा विवाद हो गया था। सांसद की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद भी उन्होंने नियमों के अनुसार कार्रवाई जारी रखी थी।
बाराबंकी की भाजपा सांसद से हुआ था टकराव
यह घटना उस समय काफी सुर्खियों में आई थी जब ट्रेनी आईएएस अजय कुमार द्विवेदी और बीजेपी सांसद के बीच विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। घटना के दौरान सांसद ने अजय कुमार द्विवेदी से नाराज़गी जताते हुए कहा था कि किसी की सुनते नहीं हो, तमीज़ नाम की कोई चीज है या नहीं? मैं यहां खड़ी हूं, मेरी बात सुनने के बजाय मुंह घुमाकर जा रहे हैं, दिमाग खराब है। अभी ट्रेनिंग पर हो, सही से काम करो। जो एटीट्यूड है, वो घर में दिखाना, यहां नहीं चलेगा। जनता का काम हम भी कर रहे हैं और तुम्हें भी करना पड़ेगा। तब अजय कुमार द्विवेदी ने अपनी सफाई में कहा था कि जांच करा लें, मेरा दोष हो तो सजा दे दीजिए। इस घटना के बाद वे चर्चा में आ गए थे।
जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं मुख्य विकास अधिकारी शाहिद अहमद द्वारा ग्राम हरिहरपुररानी के समीप बूढ़ी राप्ती नदी के पुर्नरोद्धार कार्य का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी, सीडीओ, मनरेगा कार्मिकों, आपदा मित्रों एवं स्कूली छात्र छात्राओ द्वारा फावड़ा चलाकर श्रमदान किया गया pic.twitter.com/xrqtNCWVsE
— DM Shravasti (@dmshravasti) July 10, 2025
इसी साल 10 जुलाई को डीएम श्रावस्ती के हैंडल से पोस्ट में वह कुदाल चलाते नजर आए। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं मुख्य विकास अधिकारी शाहिद अहमद द्वारा ग्राम हरिहरपुररानी के समीप बूढ़ी राप्ती नदी के पुर्नरोद्धार कार्य का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी, सीडीओ, मनरेगा कार्मिकों, आपदा मित्रों एवं स्कूली छात्र छात्राओ द्वारा फावड़ा चलाकर श्रमदान किया गया।
आईएएस अजय कुमार द्विवेदी को सरकार ने अगस्त 2020 में लखनऊ नगर निगम का नगर आयुक्त नियुक्त किया था। उस वक्त तत्कालीन आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी को हटाए जाने के बाद अजय द्विवेदी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद जून 2022 में उन्हें आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का उपाध्यक्ष बनाया गया था। आईएएस अजय कुमार द्विवेदी रामपुर से पहले श्रावस्ती जिले के जिलाधिकारी थे। वहां उन्होंने किसानों के साथ खेत में उतरकर गेहूं की कटाई की थी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
वहीं आईएएस अजय कुमार द्विवेदी को एक ईमानदार, जवाबदेह और जन-केंद्रित प्रशासक के रूप में जाना जाता है। उनकी कार्यशैली तकनीकी दृष्टि, आईआईटी पृष्ठभूमि और प्रशासनिक दक्षता का मिश्रण मानी जाती है। उन्होंने कई बार आम नागरिकों की शिकायतों का समाधान सीधे फील्ड में जाकर किया है। उधर रामपुर जैसे संवेदनशील जिले की कमान मिलने के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि अजय कुमार द्विवेदी अपने सख्त लेकिन जनहितैषी प्रशासनिक अंदाज से जिले की छवि को कैसे बदलते हैं।
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