इस्लामाबाद/रियाद: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच सीक्रेट रक्षा समझौते पर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इस रक्षा डील के बाद अब पाकिस्तान अपने 25 हजार सैनिकों को सऊदी अरब में तैनात करेगा। ये पाकिस्तानी सैनिक सऊदी अरब पर होने वाले किसी हमले से उसकी रक्षा करेंगे। इसके बदले में सऊदी अरब पाकिस्तान के अंदर 10 अरब डॉलर का भारी भरकम निवेश करेगा। यही नहीं सऊदी अरब की सरकार भारत और अफगान तालिबान के साथ पाकिस्तान के चल रहे तनाव को कम करने में मदद करेगी। इजरायल के कतर पर हमले के ठीक बाद अचानक से पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ असीम मुनीर ने पिछले दिनों सऊदी अरब का दौरा किया था।
इस दौरान शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया था। सीएनएन न्यूज 18 ने इस रक्षा समझौते को देखने वाले सूत्र के हवाले से बताया कि इस डील का उद्देश्य सऊदी अरब की सुरक्षा स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसके बदले में पाकिस्तान की आर्थिक सेहत को मजबूत करने की योजना है। इस समझौते के तहत पाकिस्तानी सेना अपनी 4 ब्रिगेड को सऊदी अरब में तैनात करेगी। इसके अलावा पाकिस्तानी एयर फोर्स की 2 स्क्वाड्रन और 2 नेवल फ्लीट को भी सऊदी अरब में तैनात किया जाएगा।
सऊदी को मिसाइल से लेकर टैंक तक देगा पाकिस्तान
इसी तरह से पाकिस्तान की योजना है कि सऊदी अरब में शाही सेना के साथ मिलकर एक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और रॉकेट फोर्स कमांड को बनाना है। पाकिस्तान सऊदी अरब को सैन्य उपकरण, मोर्टार, टैंक और कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की भी आपूर्ति करेगा। पाकिस्तान के ये 25 हजार सैनिक सऊदी अरब के विभिन्न सैन्य अड्डों और शहरों में तैनात होंगे। प्रत्येक पाकिस्तानी सैनिक को हर महीने 1600 अमेरिकी डॉलर दिया जाएगा। यह पाकिस्तानी सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक सैनिकों को मिलने वाले पैसे की तुलना में 200 अमेरिकी डॉलर ज्यादा होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक एक पाकिस्तानी सेना की ब्रिगेड में 8 यूनिट होती है और प्रत्येक यूनिट में 850 सैनिक होते हैं। इन 4 ब्रिगेड में आर्मर्ड, आर्टिलरी, पैदल सेना और रॉकेट फोर्स यूनिट शामिल होगी। कमांड के ऑपरेशन के लिए सऊदी अरब और पाकिस्तान एक थ्री स्टार जनरल, 2 मेजर जनरल और 8 ब्रिगेडियर की तैनाती करेंगे। पाकिस्तानी वायुसेना और नौसेना के अधिकारी अपने सऊदी समकक्ष से संपर्क करेंगे और संयुक्त अभियान, ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास करेंगे। सऊदी अरब की रुचि चीन की उस तकनीक को हासिल करना है जिसे पाकिस्तान इस्तेमाल करता है। सऊदी अरब पाकिस्तान से जेएफ-17 और चीन से राफेल से टकराने वाले जे-10 सी फाइटर जेट खरीदना चाहता है।
भारत और तालिबान से पाकिस्तान की दोस्ती कराएगा सऊदी
सऊदी अरब इजरायल के किसी खतरे से निपटने के लिए चीन के साथ पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदने पर भी बातचीत कर रहा है। इसके बदले में सऊदी अरब पाकिस्तान के अंदर 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश पाकिस्तान के आधारभूत ढांचे, आर्थिक, खनन, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में होगा। इस निवेश का उद्देश्य पाकिस्तान को भविष्य में आर्थिक डिफाल्ट और प्रतिबंधों से बचाना है। इसके अलावा सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ व्यापार को 5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर करेगा। सऊदी अरब कूटनीतिक माध्यम से पाकिस्तान के भारत और तालिबान के साथ संबंधों को सुधारने में मदद करेगा। सऊदी अरब भारत और पाकिस्तान के बीच स्वस्थ और संतुलित रुख बनाए रखेगा। इसके अलावा हॉटलाइन बनाई जाएगी ताकि खुफिया सूचना का आदान प्रदान हो सके। सऊदी अरब का एक शीर्ष सुरक्षा दल इस महीने पाकिस्तान की यात्रा पर आ रहा है।
इस दौरान शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया था। सीएनएन न्यूज 18 ने इस रक्षा समझौते को देखने वाले सूत्र के हवाले से बताया कि इस डील का उद्देश्य सऊदी अरब की सुरक्षा स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इसके बदले में पाकिस्तान की आर्थिक सेहत को मजबूत करने की योजना है। इस समझौते के तहत पाकिस्तानी सेना अपनी 4 ब्रिगेड को सऊदी अरब में तैनात करेगी। इसके अलावा पाकिस्तानी एयर फोर्स की 2 स्क्वाड्रन और 2 नेवल फ्लीट को भी सऊदी अरब में तैनात किया जाएगा।
सऊदी को मिसाइल से लेकर टैंक तक देगा पाकिस्तान
इसी तरह से पाकिस्तान की योजना है कि सऊदी अरब में शाही सेना के साथ मिलकर एक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और रॉकेट फोर्स कमांड को बनाना है। पाकिस्तान सऊदी अरब को सैन्य उपकरण, मोर्टार, टैंक और कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की भी आपूर्ति करेगा। पाकिस्तान के ये 25 हजार सैनिक सऊदी अरब के विभिन्न सैन्य अड्डों और शहरों में तैनात होंगे। प्रत्येक पाकिस्तानी सैनिक को हर महीने 1600 अमेरिकी डॉलर दिया जाएगा। यह पाकिस्तानी सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक सैनिकों को मिलने वाले पैसे की तुलना में 200 अमेरिकी डॉलर ज्यादा होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक एक पाकिस्तानी सेना की ब्रिगेड में 8 यूनिट होती है और प्रत्येक यूनिट में 850 सैनिक होते हैं। इन 4 ब्रिगेड में आर्मर्ड, आर्टिलरी, पैदल सेना और रॉकेट फोर्स यूनिट शामिल होगी। कमांड के ऑपरेशन के लिए सऊदी अरब और पाकिस्तान एक थ्री स्टार जनरल, 2 मेजर जनरल और 8 ब्रिगेडियर की तैनाती करेंगे। पाकिस्तानी वायुसेना और नौसेना के अधिकारी अपने सऊदी समकक्ष से संपर्क करेंगे और संयुक्त अभियान, ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास करेंगे। सऊदी अरब की रुचि चीन की उस तकनीक को हासिल करना है जिसे पाकिस्तान इस्तेमाल करता है। सऊदी अरब पाकिस्तान से जेएफ-17 और चीन से राफेल से टकराने वाले जे-10 सी फाइटर जेट खरीदना चाहता है।
भारत और तालिबान से पाकिस्तान की दोस्ती कराएगा सऊदी
सऊदी अरब इजरायल के किसी खतरे से निपटने के लिए चीन के साथ पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदने पर भी बातचीत कर रहा है। इसके बदले में सऊदी अरब पाकिस्तान के अंदर 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश पाकिस्तान के आधारभूत ढांचे, आर्थिक, खनन, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में होगा। इस निवेश का उद्देश्य पाकिस्तान को भविष्य में आर्थिक डिफाल्ट और प्रतिबंधों से बचाना है। इसके अलावा सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ व्यापार को 5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर करेगा। सऊदी अरब कूटनीतिक माध्यम से पाकिस्तान के भारत और तालिबान के साथ संबंधों को सुधारने में मदद करेगा। सऊदी अरब भारत और पाकिस्तान के बीच स्वस्थ और संतुलित रुख बनाए रखेगा। इसके अलावा हॉटलाइन बनाई जाएगी ताकि खुफिया सूचना का आदान प्रदान हो सके। सऊदी अरब का एक शीर्ष सुरक्षा दल इस महीने पाकिस्तान की यात्रा पर आ रहा है।
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