अंकारा/बीजिंग: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना की खुलकर मदद करने वाले भारत के 2 दुश्मन इन दिनों खौफ में चल रहे हैं। इन दो दुश्मनों का नाम है तुर्की और चीन। इनके खौफ की वजह ऑपरेशन सिंदूर में राफेल विमान से तबाही मचाने वाली भारतीय वायुसेना नहीं बल्कि आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर से लैस भारतीय नौसेना है। भारतीय नौसेना अरब सागर, भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण चीन सागर तक हुंकार भर रही है जिससे पाकिस्तान ही नहीं तुर्की और चीन भी टेंशन में आ गए हैं। साल 1947 में आजादी के बाद से भारत ने चीन और पाकिस्तान से कुल 5 जमीनी युद्ध लड़े हैं लेकिन केवल एक (1971) में ही भारतीय नौसेना ने हिस्सा लिया है। अब भारतीय नौसेना के शक्ति प्रदर्शन से चीन और तुर्की के विशेषज्ञ भड़के हुए हैं और जहरीले बयान दे रहे हैं।
भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी तटरेखा में से एक है। यह करीब 11,098 किमी है। हालांकि भारतीय नौसेना की भूमिका केवल अपनी तटीय रेखा की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। भारत खुद को हिंद महासागर में लाल सागर से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक सुरक्षा मुहैया कराने वाले देश के रूप में देखता है। अब भारतीय नौसेना अपनी पहुंच को भूमध्य सागर से लेकर प्रशांत महासागर और आर्कटिक समुद्र तक बढ़ा रही है। इंडियन नेवी विभिन्न देशों के साथ नौसैनिक अभ्यास और खोज बचाव अभियान का अभ्यास कर रही है। इससे कई दुश्मन देशों के दिलों की धड़कन बढ़ गई है। ये देश भारतीय युद्धपोत देखकर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इनमें शामिल देश हैं चीन और तुर्की जो पाकिस्तान के करीबी दोस्त हैं।
भारतीय नौसेना पर भड़के चीनी एक्सपर्ट
चीनी विश्लेषकों का कहना है कि बीजिंग भारत के दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया से बढ़ते रक्षा संबंध को हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेरेबंदी के रूप में देखता है। उनका कहना है कि भारत इन देशों से रक्षा संबंध को मजबूत करके अमेरिका की रणनीतिक वापसी से खाली हो रही जगह को भरना चाहता है। ये चीनी विशेषज्ञ भारतीय युद्धपोत आईएनएस सहयाद्री के चीन के पास पहुंचने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। भारतीय युद्धपोत दक्षिण चीन सागर से होते हुए 13 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया के बूसान नौसैनिक बंदरगाह पहुंचा था। यहां भारतीय युद्धपोत नौसैनिक अभ्यास करेगा। दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता है और उसका कई देशों के साथ सीमा विवाद है। सहयाद्री एक शिवालिक क्लास का गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रीगेट है।
इसके अलावा हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने हिंद प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध बनाने पर जोर दिया। अमेरिका के हडसन संस्थान में शोधकर्ता लिसेलोटे ओडगार्ड का कहना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मामले में दोस्ती को हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के घेरेबंदी के रूप में देखा जाना चाहिए। इससे हिंद महासागर में तनाव बढ़ने जा रहा है। भारत ने कई ऐसे समझौते किए हैं जिससे वह आसानी से हिंद और प्रशांत महासागर में अपनी नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन कर सकता है। यह भारत के वैश्विक नौसैनिक ताकत बनने के प्रयासों का हिस्सा है। वहीं चीन के सरकार समर्थित विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ज्यादा नजदीकी सहयोग से 'क्षेत्रीय शांति' डिस्टर्ब हो सकती है।
तुर्की के एक्सपर्ट ने भी निकाली भड़ास
चीन की तरह से तुर्की के भी होश उड़े हुए हैं। भारतीय नौसेना ने हाल ही में ग्रीस के साथ मिलकर अभ्यास किया है। भारतीय युद्धपोत ग्रीस की यात्रा पर पहुंचा था। तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव बहुत पुराना है। तुर्की ग्रीस को डराने की कोशिश कर रहा है। इससे तुर्की का सरकार समर्थित मीडिया भड़का हुआ है। तुर्की के प्रोफेसर डॉक्टर अहमत केसर ने सरकार के नियंत्रण वाले टीवी चैनल टीआरटी से बातचीत में कहा कि भारत और ग्रीस की दोस्ती को तुर्की के खिलाफ सोची समझी रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रीस के साथ साइप्रस भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है। तुर्की के एक्सपर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में जो तुर्की ने सपोर्ट दिया था, भारत उसका अब जवाब दे रहा है।
भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी तटरेखा में से एक है। यह करीब 11,098 किमी है। हालांकि भारतीय नौसेना की भूमिका केवल अपनी तटीय रेखा की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। भारत खुद को हिंद महासागर में लाल सागर से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक सुरक्षा मुहैया कराने वाले देश के रूप में देखता है। अब भारतीय नौसेना अपनी पहुंच को भूमध्य सागर से लेकर प्रशांत महासागर और आर्कटिक समुद्र तक बढ़ा रही है। इंडियन नेवी विभिन्न देशों के साथ नौसैनिक अभ्यास और खोज बचाव अभियान का अभ्यास कर रही है। इससे कई दुश्मन देशों के दिलों की धड़कन बढ़ गई है। ये देश भारतीय युद्धपोत देखकर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इनमें शामिल देश हैं चीन और तुर्की जो पाकिस्तान के करीबी दोस्त हैं।
भारतीय नौसेना पर भड़के चीनी एक्सपर्ट
चीनी विश्लेषकों का कहना है कि बीजिंग भारत के दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया से बढ़ते रक्षा संबंध को हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की घेरेबंदी के रूप में देखता है। उनका कहना है कि भारत इन देशों से रक्षा संबंध को मजबूत करके अमेरिका की रणनीतिक वापसी से खाली हो रही जगह को भरना चाहता है। ये चीनी विशेषज्ञ भारतीय युद्धपोत आईएनएस सहयाद्री के चीन के पास पहुंचने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। भारतीय युद्धपोत दक्षिण चीन सागर से होते हुए 13 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया के बूसान नौसैनिक बंदरगाह पहुंचा था। यहां भारतीय युद्धपोत नौसैनिक अभ्यास करेगा। दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता है और उसका कई देशों के साथ सीमा विवाद है। सहयाद्री एक शिवालिक क्लास का गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रीगेट है।
इसके अलावा हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने हिंद प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध बनाने पर जोर दिया। अमेरिका के हडसन संस्थान में शोधकर्ता लिसेलोटे ओडगार्ड का कहना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मामले में दोस्ती को हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के घेरेबंदी के रूप में देखा जाना चाहिए। इससे हिंद महासागर में तनाव बढ़ने जा रहा है। भारत ने कई ऐसे समझौते किए हैं जिससे वह आसानी से हिंद और प्रशांत महासागर में अपनी नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन कर सकता है। यह भारत के वैश्विक नौसैनिक ताकत बनने के प्रयासों का हिस्सा है। वहीं चीन के सरकार समर्थित विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ज्यादा नजदीकी सहयोग से 'क्षेत्रीय शांति' डिस्टर्ब हो सकती है।
तुर्की के एक्सपर्ट ने भी निकाली भड़ास
चीन की तरह से तुर्की के भी होश उड़े हुए हैं। भारतीय नौसेना ने हाल ही में ग्रीस के साथ मिलकर अभ्यास किया है। भारतीय युद्धपोत ग्रीस की यात्रा पर पहुंचा था। तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव बहुत पुराना है। तुर्की ग्रीस को डराने की कोशिश कर रहा है। इससे तुर्की का सरकार समर्थित मीडिया भड़का हुआ है। तुर्की के प्रोफेसर डॉक्टर अहमत केसर ने सरकार के नियंत्रण वाले टीवी चैनल टीआरटी से बातचीत में कहा कि भारत और ग्रीस की दोस्ती को तुर्की के खिलाफ सोची समझी रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रीस के साथ साइप्रस भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है। तुर्की के एक्सपर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में जो तुर्की ने सपोर्ट दिया था, भारत उसका अब जवाब दे रहा है।
You may also like

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने लिया चौंकाने वाला फैसला, टेस्ट कप्तान शान मसूद को दी ये नई जिम्मेदारी

कर्पूरी ठाकुर की पोती ने भावुक होकर कहा, सोचा नहीं था, पीएम मोदी आएंगे

पीएम मोदी का जबरा फैन, भगवान हनुमान की वेशभूषा में 160 रैलियों में हुआ शामिल

कनाडा में पढ़ने के लिए कितना पैसा चाहिए? यहां जानें डिग्री लेना पूरा खर्च

गुजरात : वडोदरा में पेट्रोल-डीजल चोरी के रैकेट का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार




