नवरात्रि के नौ दिनों तक हम मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की बड़ी श्रद्धा से पूजा करते हैं,व्रत रखते हैं और मां को प्रसन्न करने की हर कोशिश करते हैं। लेकिन यह नौ दिन की साधना एक बहुत ही महत्वपूर्ण रस्म के बिना अधूरी मानी जाती है - और वो हैकन्या पूजन।अक्सर लोग इसे सिर्फ एक परंपरा मानकर निभाते हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका आध्यात्मिक महत्व क्या है और यह क्यों इतनी जरूरी है?क्या है कन्या पूजन का असली मतलब?कन्या पूजन सिर्फ छोटी बच्चियों को भोजन कराने की एक रस्म नहीं है,बल्कि यह साक्षात देवी को अपने घर बुलाकर उनका सत्कार करने का प्रतीक है। हमारे शास्त्रों में माना गया है कि2से10साल की कन्याओं में मां दुर्गा का साक्षात वास होता है और वे ऊर्जा का सबसे शुद्ध रूप होती हैं।जब हम इन कन्याओं को अपने घर बुलाकर उनके पैर धोते हैं,उन्हें आसन पर बिठाते हैं,उनकी पूजा करते हैं और प्रेम से भोजन कराते हैं,तो हम असल में मां दुर्गा के उसी पवित्र स्वरूप की पूजा कर रहे होते हैं। यह नारी शक्ति और देवत्व का सबसे बड़ा सम्मान है।कहां से शुरू हुई यह परंपरा?कन्या पूजन की परंपरा की जड़ें पौराणिक कथाओं से जुड़ी हैं। एक कथा के अनुसार,जब देवताओं के तेज से मां दुर्गा प्रकट हुईं,तो सभी देवियों ने उन्हें अपनी शक्तियां प्रदान कीं। इस तरह मां दुर्गा ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली नारी शक्ति बनीं। कन्या पूजन उसी नारी शक्ति की सर्वोच्चता को सम्मान देने का एक तरीका है।एक और कहानीMahrishi Markandeyaसे जुड़ी है,जिन्होंने बताया था कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने का सबसे सरल मार्ग छोटी कन्याओं की सेवा और पूजा करना है। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।क्यों अधूरी है इसके बिना नवरात्रि?नवरात्रि का व्रत और पूजा एक तपस्या है,और कन्या पूजन इस तपस्या का फल प्राप्त करने का अंतिम चरण है। जैसे किसी यज्ञ के अंत में पूर्णाहुति दी जाती है,वैसे ही नवरात्रि के व्रत का फल कन्याओं को भोजन कराकर और उनका आशीर्वाद लेकर ही पूरा होता है। माना जाता है कि इन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वयं हमारे घर आती हैं और हमारे व्रत को स्वीकार करती हैं।तो इस नवरात्रि,जब आप कन्याओं को अपने घर बुलाएं,तो उन्हें सिर्फ एक परंपरा का हिस्सा न समझें,बल्कि साक्षात देवी का स्वरूप मानकर पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ उनकी पूजा करें।
You may also like
300 पन्नों में बाबा का हर 'राज', SRISIIM इंस्टीट्यूट में 'टॉर्चर चेंबर', चैतन्यानंद के काले साम्राज्य में किसने ठोंकी पहली कील?
UP: एक नहीं दो सगे भाई एक साल से बहन का कर रहे थे दुष्कर्म, बना रखा था उसका वीडियो, जब आया मंगेतर तो खुला...
अभिषेक की कमाल की पारी से फ़ाइनल में भारत, बांग्लादेश या पाकिस्तान किससे होगा सामना
50 के बाद मसल्स को स्ट्रॉन्ग` कैसे रखें? आयुर्वेद और साइंस दोनों का जबरदस्त गाइड
H-1B विवाद के बीच अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों ने इन दो भारतीयों को CEO नियुक्त किया